तेल अवीव/गाजा: इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के बीच जारी संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिखाई दे रहा है. इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलांत के बाद अब रक्षा मामलों की जिम्मेदारी संभाल रहे इजराइल काट्ज ने हमास को सख्त और अंतिम चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि यदि हथियार नहीं डाले गए और बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो गाजा को पूरी तरह तबाह कर दिया जाएगा.
काट्ज ने यह चेतावनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से दी, जिसमें उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "आज गाजा शहर के आसमान में गरजते तूफान छा जाएंगे और आतंकी ठिकानों की नींव हिल जाएगी. यह गाजा और हमास के हत्यारों के लिए आखिरी चेतावनी है- हथियार डालो और बंधकों को रिहा करो, वरना गाजा का नामो-निशान मिटा दिया जाएगा."
इजरायली सेना कर रही हमले की तैयारी
इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने संकेत दिए हैं कि वे गाजा शहर में जमीन पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए एक बड़ा सैन्य अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं. गाजा के आस-पास सेना की हलचल बढ़ गई है और विभिन्न इलाकों में सैन्य अभ्यास तेज़ कर दिए गए हैं.
रक्षा मंत्री काट्ज ने यह भी बताया कि, "IDF की स्पेशल यूनिट्स और रेजर्व फोर्सेज लगातार ऑपरेशनल ड्रिल कर रही हैं. यह युद्ध खत्म नहीं हुआ है, हम इसे निर्णायक रूप से खत्म करना चाहते हैं."
गाजा में मानवीय संकट गहराया
संघर्ष के चलते गाजा पट्टी में स्थिति दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही है. लगभग 10 लाख फिलिस्तीनी नागरिकों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. इजरायली हवाई हमलों के चलते गाजा के अनेक रिहायशी इलाकों और ऊंची इमारतों को निशाना बनाया जा रहा है. इजरायल का दावा है कि इन इमारतों का इस्तेमाल हमास के आतंकवादी ठिकानों के रूप में किया जा रहा था.
संयुक्त राष्ट्र, रेड क्रॉस और कई मानवाधिकार संगठनों ने गाजा में हो रही नागरिक मौतों और लगातार बमबारी को लेकर गंभीर चिंता जताई है. इन संगठनों का कहना है कि आम लोगों को युद्ध में फंसने से बचाया जाना चाहिए.
ट्रंप का दावा: हमास के पास आखिरी मौका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मामले पर बयान दिया है. ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक शांति प्रस्ताव पेश किया था, जिसे इजरायल ने स्वीकार कर लिया है.
ट्रंप ने कहा, "हमास अब भी अगर पीछे हटने और बंधकों की रिहाई के लिए तैयार हो, तो यह संघर्ष रोका जा सकता है. मगर अगर वह ऐसा नहीं करता, तो परिणाम बहुत घातक होंगे."
ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद, हमास की ओर से प्रतिक्रिया आई कि वह बातचीत और बंधकों की रिहाई पर चर्चा करने को तैयार है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ.
हमास का जवाब: "हम तैयार हैं, मगर..."
हमास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि वे सभी बंधकों की रिहाई पर विचार कर सकते हैं, बशर्ते इजरायल युद्ध को समाप्त करने का ऐलान करे और अपनी सेनाएं गाजा से पूरी तरह हटा ले. इसके अलावा, उन्होंने मांग की है कि गाजा का प्रशासन एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी समिति को सौंपा जाए, जिसमें किसी बाहरी हस्तक्षेप की गुंजाइश न हो.
हमास के इस प्रस्ताव को फिलहाल इजरायल ने खारिज किया है और साफ किया है कि वे पहले बंधकों की रिहाई और हथियारों का समर्पण चाहते हैं, उसके बाद ही कोई अन्य चर्चा संभव है.
हर दिन हो रहे हवाई हमले: रणनीति या दबाव?
इजरायली सेना लगभग हर दिन गाजा की एक बहुमंजिला इमारत पर हमला कर रही है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक रणनीतिक दबाव है, ताकि हमास की सैन्य संरचना टूटे और फिलिस्तीनी नागरिक खुद गाजा छोड़ने लगें, जिससे हमास के समर्थन आधार को कमजोर किया जा सके.
हालांकि, इस नीति की आलोचना भी हो रही है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय का कहना है कि यह रणनीति मानवीय मूल्यों के विरुद्ध जाती है और इससे केवल क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता बढ़ेगी.
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