तेल अवीवः शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात इजरायल के आसमान से तबाही बरसी. ईरान की ओर से छोड़ी गई बैलिस्टिक मिसाइलों ने इजरायल के घने आबादी वाले शहरों रमत गान और रिशोन लेजियन को अपना निशाना बनाया. अचानक हुए इन हमलों में शहर की रफ्तार थम गई और हर गली, हर सड़क जैसे जंग का मैदान बन गई.
मिसाइलों का कहर: मलबा, मौत और मातम
इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 34 से अधिक लोग घायल हुए हैं. कई घर पूरी तरह जमींदोज हो गए, गाड़ियां जलकर खाक हो गईं और सड़कों पर सिर्फ मलबा और धुआं नजर आया. जो लोग इस हमले में बच निकले, उनके लिए भी यह एक ऐसा मानसिक आघात है जिससे उबरना आसान नहीं होगा.
रेस्क्यू टीमें लगातार मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने में लगी रहीं. मेगन डेविड एडोम (MDA) की मेडिकल टीमें मौके पर पहुंचकर घायलों को संभालने में जुटी थीं. कई घायलों को स्ट्रेचर पर लिटाकर अस्पताल पहुंचाया गया. कुछ को सांस की तकलीफ थी, कुछ गंभीर रूप से झुलसे हुए थे.
अस्पतालों में भीषण हालात, देश हाई अलर्ट पर
गुश दान, जो इजरायल का एक व्यस्त महानगरीय क्षेत्र है, अब सन्नाटे में डूबा है. बेइलिन्सन और शेबा मेडिकल सेंटर जैसे प्रमुख अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है. एक महिला की हालत बेहद नाजुक है, जबकि एक बुजुर्ग जीवन-मृत्यु से जूझ रहे हैं.
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने पुष्टि की है कि हमला ईरान की ओर से लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइलों के जरिए किया गया. हमले की तीव्रता इतनी थी कि ‘आयरन डोम’ जैसी मजबूत एयर डिफेंस प्रणाली भी इसे पूरी तरह रोक नहीं पाई.
अमेरिका ने की मिसाइल रोकने में मदद, UNSC में चेतावनी
इस संकट की घड़ी में अमेरिका ने इजरायल को तकनीकी सहयोग और मिसाइल इंटरसेप्शन में सहायता दी. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे इसराइल के साथ मिलकर और मिसाइलों को रोकने में जुटे हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की इमरजेंसी मीटिंग में अमेरिका ने ईरान को चेताया कि वह अमेरिकी ठिकानों या नागरिकों को निशाना न बनाए. अमेरिका के प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता को बिगाड़ने की हर कोशिश पर नजर रखी जा रही है.
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