Israel Attacked on Britain: इजराइल और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच हाल के दिनों में तनाव बढ़ता जा रहा है, खासकर लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाने के मामले में. इजराइल ने अब हूतियों के खिलाफ अपने हवाई हमलों की एक नई श्रृंखला शुरू की है, जिसमें ब्रिटिश जहाज गैलेक्सी लीडर को भी निशाना बनाया गया है. यह जहाज नवंबर 2023 में हूतियों द्वारा अपहृत किया गया था और फिलहाल भी उनके कब्जे में है.
ब्रिटिश जहाज गैलेक्सी लीडर का अपहरण
नवंबर 2023 में, गैलेक्सी लीडर नामक बहामास में पंजीकृत मालवाहक जहाज को हूतियों ने फिल्मी अंदाज में अपहरण कर लिया था. हेलीकॉप्टर से उतरकर किए गए इस अपहरण ने दुनिया का ध्यान खींचा था. हालांकि, चालक दल को जनवरी 2024 में रिहा कर दिया गया था, लेकिन जहाज अब भी हूतियों के कब्जे में है. इस जहाज के स्वामित्व में ब्रिटिश कंपनी और इजराइली व्यवसायी रामी उंगर दोनों शामिल हैं. इस घटना ने लाल सागर में हूतियों की बढ़ती आक्रामकता को प्रदर्शित किया. खबरों के मुताबिक, हूती अब इस जहाज पर रडार का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे यह एक तैरता हुआ निगरानी मंच बन गया है.
इजराइल की हवाई कार्रवाई
इजराइली रक्षा बल (IDF) के अनुसार, रविवार रात को इजराइल ने हूतियों के खिलाफ एक बड़े हवाई हमले की योजना बनाई. इस हमले में लगभग 50 मिसाइलें और बम शामिल थे, जिनका लक्ष्य यमन के तीन प्रमुख बंदरगाह थे. इस हमले के परिणामस्वरूप कई नावों और जहाजों में आग लग गई. IDF ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई हूती विद्रोहियों द्वारा इजराइल पर पिछले एक महीने में लगातार किए गए हमलों का जवाब थी.
हूतियों का मिसाइल हमला
इजराइल के हमले के कुछ ही घंटों बाद, हूतियों ने इजराइल पर दो मिसाइलें दागीं. हालांकि, इजराइल का एयर डिफेंस सिस्टम इन मिसाइलों को रोकने में सक्षम रहा. फिलहाल, यह जानकारी नहीं मिली है कि इन हमलों से इजराइल को कोई बड़ा नुकसान हुआ या नहीं.
इजराइल से जुड़े जहाजों पर बढ़ता खतरा
गाजा में इजराइल द्वारा किए गए हमलों के बाद से, यमन के हूती लड़ाके लाल सागर में इजराइल और उसके सहयोगियों से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं. हूती विद्रोहियों का कहना है कि जब तक गाजा में इजराइल के हमले जारी रहेंगे, वे लाल सागर में इजराइली जहाजों के लिए इस जलक्षेत्र को पूरी तरह से सील कर देंगे. यह घटनाक्रम इजराइल और हूतियों के बीच बढ़ते तनाव का संकेत है, जो केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं, बल्कि क्षेत्रीय रणनीति में भी बड़ा बदलाव ला सकता है.
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