J-20 के बाद J-35 A 5th जनरेशन लड़ाकू विमान को चीन ने वायुसेना में किया शामिल, बढ़ा रहा सैन्य शक्ति

    चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने शायद अपने दूसरे पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट, J-35A, को सर्विस में शामिल कर लिया है. हाल ही में सामने आई तस्वीरों में J-35A को J-20 स्टील्थ फाइटर और J-16D इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर एयरक्राफ्ट के साथ उड़ते हुए देखा गया है.

    China added j35 a fighter jet in airforce
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    चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने शायद अपने दूसरे पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट, J-35A, को सर्विस में शामिल कर लिया है. हाल ही में सामने आई तस्वीरों में J-35A को J-20 स्टील्थ फाइटर और J-16D इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर एयरक्राफ्ट के साथ उड़ते हुए देखा गया है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है, लेकिन अगर ये खबर सही साबित होती है तो यह चीन की वायुसेना के लिए एक बड़ा रणनीतिक लाभ हो सकता है. खासतौर पर Indo-Pacific क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच, यह लड़ाकू विमान चीन को एक महत्वपूर्ण सैन्य बढ़त दे सकता है.

    दो स्टील्थ फाइटर जेट्स के साथ चीन, अमेरिका के बाद दूसरा देश

    अगर चीन के पास J-35A की तैनाती सच होती है, तो वह अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन जाएगा, जिसकी वायुसेना के पास दो अलग-अलग पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर विमान होंगे. पहले से ही, अमेरिका के पास F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II जैसे स्टील्थ जेट हैं. J-35A का डिज़ाइन काफी हद तक F-35 से मेल खाता है, जैसे कि Electro-Optical Targeting System (EOTS), फॉरवर्ड-हिंग्ड कैनोपी और नाक के पास पिटोट ट्यूब का अभाव. हालांकि, J-35A में दो इंजन हैं, जबकि F-35 एक सिंगल इंजन पर चलता है, जिससे इन दोनों विमानों की क्षमता में अंतर आ सकता है.

    J-35A को एक मिड-साइज मल्टी-रोल फाइटर के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसे भूमि पर सर्जिकल स्ट्राइक की क्षमता भी दी गई है. वहीं, J-20 एक हैवीवेट एयर-सुपीरियॉरिटी फाइटर है, जो मुख्यत: हवा में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए बनाया गया है.

    J-35A की तैनाती और नौसेना में भूमिका

    J-35A की तैनाती सिर्फ चीन की वायुसेना के लिए ही नहीं, बल्कि उसकी नौसेना के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस फाइटर जेट का नौसेना संस्करण J-35 जल्द ही चीन के नए एयरक्राफ्ट कैरियर "फुजियान" पर तैनात किया जाएगा. J-35 का फोल्डिंग विंग डिजाइन इसे पुरानी एयरक्राफ्ट कैरियर्स जैसे Liaoning और Shandong से भी ऑपरेट करने की क्षमता प्रदान करता है.

    पाकिस्तान और J-35 का विवाद

    पाकिस्तान ने पिछले साल जनवरी में J-35 लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की थी और दिसंबर में यह भी कहा था कि चीन के साथ बातचीत चल रही है. हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अब J-35 खरीदने की बात को खारिज कर दिया है, जो एक हैरान करने वाली खबर है. इस बीच, पाकिस्तान के अधिकारियों ने यह भी दावा किया था कि चीन जल्द ही पाकिस्तान को J-35 विमान सौंपेगा, और पाकिस्तानी पायलट इस विमान की ट्रेनिंग भी ले रहे हैं. हालांकि, अब पाकिस्तान की ओर से कोई नई पुष्टि नहीं की गई है, जिससे यह मामला और भी रहस्यमय हो गया है.

    भारत के लिए चुनौती

    भारत के पास फिलहाल राफेल, Su-30MKI, मिराज-2000 और तेजस जैसे 4.5वीं पीढ़ी के जेट हैं, जो अत्याधुनिक हथियारों और एवियोनिक्स से लैस हैं, लेकिन इनमें स्टील्थ क्षमताओं की कमी है. भारत ने अपनी स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) पर काम शुरू किया है, लेकिन इसका पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार होने की संभावना है.

    चीन के पास दो स्टील्थ लड़ाकू विमान होने से भारत के लिए एक गंभीर चुनौती खड़ी हो सकती है. इस स्थिति में भारत को अपनी स्टील्थ तकनीक, एयर डिफेंस नेटवर्क और स्वदेशी निर्माण में और तेज़ी लानी होगी, ताकि संतुलन बनाए रखा जा सके. भारतीय वायुसेना को अमेरिका, इजरायल और स्वदेशी तकनीक के साथ अपनी ताकत बढ़ानी होगी, खासकर ऐसे समय में जब चीन अपने वायु और नौसैनिक ताकत को हर मोर्चे पर बढ़ा रहा है.

    J-35A की कीमत और अंतर्राष्ट्रीय चिंता

    अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, J-35A की कीमत लगभग 60-70 मिलियन डॉलर के बीच बताई जा रही है, जो F-35 के 90-100 मिलियन डॉलर से काफी किफायती है. इस मूल्य के साथ, चीन के लिए यह विमान एक मजबूत आर्थिक और सैन्य रणनीति साबित हो सकता है. अमेरिका और भारत दोनों के लिए चीन के पास अब दो स्टील्थ फाइटर विमान होना चिंता का विषय है, क्योंकि यह चीन को वैश्विक सैन्य परिप्रेक्ष्य में एक मजबूती प्रदान करता है.

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