अमेरिका एक बार फिर उस वक्त बड़ी त्रासदी से बच गया जब एफबीआई ने एक संभावित आतंकवादी हमले को वक्त रहते रोक दिया. मिशिगन में स्थित एक अहम सैन्य ठिकाने पर ISIS समर्थक की ओर से हमले की साजिश रची जा रही थी, लेकिन एफबीआई की सतर्कता और खुफिया नेटवर्क की वजह से ये हमला अंजाम तक पहुंचने से पहले ही नाकाम कर दिया गया.
एफबीआई के अधिकारियों ने बताया कि यह हमला मिशिगन के वॉरेन शहर में स्थित ‘Tank-Automotive & Armaments Command (TACOM)’ सैन्य अड्डे को निशाना बनाकर किया जाना था. हमले की साजिश रचने वाले आतंकी की पहचान अम्मार अब्दुल माजिद मोहम्मद सईद के रूप में हुई है, जो आईएसआईएस के संपर्क में था और उन्हीं के निर्देश पर इस हमले की तैयारी कर रहा था.
हमले की योजना और एफबीआई की कार्रवाई
एफबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सईद ने हमले से पहले सैन्य अड्डे की जानकारी जुटाई और वहां मौजूद अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी. लेकिन, इससे पहले कि वह अपने मंसूबों को अंजाम देता, एफबीआई के अंडरकवर एजेंटों ने उसकी संदिग्ध गतिविधियों को पकड़ लिया.
इसके बाद उस पर कड़ी निगरानी शुरू की गई और सबूत जुटाने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसके खिलाफ आतंकी संगठन को समर्थन देने, साजिश रचने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
सोशल मीडिया बना था साजिश का माध्यम
एफबीआई के अनुसार, आरोपी सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़ा था. ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल आतंकियों के लिए नया अड्डा बनता जा रहा है, जहां से वो न सिर्फ विचारधारा फैलाते हैं बल्कि नेटवर्किंग और योजनाएं भी बनाते हैं.
एफबीआई ने कैसे रोकी यह आतंकी साजिश?
एफबीआई के वरिष्ठ अधिकारी काश पटेल ने इस ऑपरेशन की जानकारी साझा करते हुए कहा कि “हमारी टीम की सजगता और त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े खतरे को टाल दिया. यह पूरी कार्रवाई कई एजेंसियों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है.” उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना साफ दर्शाती है कि घरेलू आतंकी खतरे अब भी अमेरिका के लिए गंभीर चुनौती बने हुए हैं और उनसे निपटने के लिए निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है.
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