जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत में आक्रोश और जवाबी कार्रवाई की चर्चाओं के बीच, पाकिस्तान की बेचैनी अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच गई है. भारत से संभावित सैन्य प्रतिक्रिया की आशंका में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग करने की तैयारी शुरू कर दी है.
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, इस्लामाबाद में उच्च स्तर पर कूटनीतिक कवायदें तेज़ हो गई हैं. पाकिस्तान का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र को यह बताना है कि भारत का “आक्रामक रुख” क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.
इशाक डार ने यूएन में पाक प्रतिनिधि को दिए निर्देश
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि को निर्देश दिया है कि वे तत्काल सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू करें. साथ ही, भारत से बढ़ते खतरे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने पर ज़ोर दिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इस दौरान सिंधु जल संधि के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाने की योजना बना रहा है. हाल ही में भारत ने इस संधि को आंशिक रूप से निलंबित करते हुए बगलिहार बांध से चिनाब नदी के पानी को रोकने का निर्णय लिया था. इसी तरह की योजना किशनगंगा बांध के ज़रिए झेलम नदी पर भी बनाई जा रही है. इन निर्णयों से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है.
पानी रोकना युद्ध जैसी कार्रवाई: पाक रक्षा मंत्री
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यहां तक कह दिया कि यदि भारत पानी रोकने के लिए कोई नया ढांचा बनाता है, तो उसे निशाना बनाकर "उड़ा दिया जाएगा". इस तरह के बयानों से पाकिस्तान की चिंता साफ झलकती है, खासकर उस समय जब भारत सरकार की ओर से स्पष्ट संकेत दिए जा चुके हैं कि आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी. भारत ने हमले के बाद यह स्पष्ट कर दिया था कि दोषियों को सज़ा देना उसकी प्राथमिकता है.
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