इशाक डार का भिखारियों वाला स्वागत! चीन पहुंचे तो बस में करनी पड़ी यात्रा; एयरपोर्ट पर भी खूब बेइज्जती!

    भारत के हालिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैन्य और कूटनीतिक दबाव में आए पाकिस्तान ने अपनी 'हर मौसम की दोस्ती' की याद ताज़ा करते हुए चीन का रुख किया है.

    Ishaq Dar reached China travel by bus
    इशाक डार | Photo: ANI

    बीजिंगः भारत के हालिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैन्य और कूटनीतिक दबाव में आए पाकिस्तान ने अपनी 'हर मौसम की दोस्ती' की याद ताज़ा करते हुए चीन का रुख किया है. लेकिन, जिस अंदाज़ में पाकिस्तानी उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार का बीजिंग में स्वागत हुआ, उसने दोनों देशों के रिश्तों की चमक को थोड़ा फीका जरूर कर दिया.

    डार तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर 19 मई को चीन पहुंचे, लेकिन वहां के एयरपोर्ट पर न तो कोई खास प्रोटोकॉल देखने को मिला और न ही किसी वरिष्ठ मंत्री ने उनका स्वागत किया. उन्हें एयरपोर्ट से आम यात्रियों की तरह एक बस से रवाना किया गया. यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को लेकर कई कटाक्ष और चर्चाएं तेज़ हो गईं.

    'भाईचारे' की हकीकत सोशल मीडिया पर बेनकाब

    चीन और पाकिस्तान खुद को लंबे समय से रणनीतिक साझेदार और "आयरन ब्रदर्स" कहते आए हैं, लेकिन इशाक डार के स्वागत से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो ने इस दावे पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं. कई यूज़र्स ने X (पूर्व ट्विटर) पर टिप्पणी करते हुए लिखा – "अब समझ आया कि दोस्ती सिर्फ मंचों पर अच्छी लगती है, असल में तो बस जरूरत का रिश्ता है."

    एक अन्य पोस्ट में कटाक्ष करते हुए कहा गया – "पाकिस्तान के डिप्टी पीएम का बीजिंग में स्वागत देखकर ऐसा लगा जैसे कोई ट्रांजिट यात्री गलत गेट पर उतर गया हो."

    कूटनीतिक दौरे के पीछे की ज़रूरतें

    डार का यह दौरा ऐसे वक्त पर हो रहा है जब पाकिस्तान को न केवल घरेलू आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है, बल्कि हाल ही में भारत के सर्जिकल ऑपरेशन ने उसे सैन्य मोर्चे पर भी घुटनों पर ला दिया है. चीन से उनकी चर्चा का उद्देश्य दक्षिण एशिया की हालिया स्थिति, सीपैक प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा और अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर रणनीतिक समर्थन हासिल करना है.

    यात्रा के दौरान पाकिस्तान-चीन-अफगानिस्तान के त्रिपक्षीय संवाद की भी योजना है, जिसमें क्षेत्रीय शांति और सहयोग पर बातचीत की जाएगी. चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भी बैठक में शामिल होंगे.

    रिश्तों में आई दरार?

    चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) जो कभी चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का चमकता सितारा माना जाता था, अब लगातार आतंकी हमलों और सुरक्षा चिंताओं से जूझ रहा है. खासकर अक्टूबर 2024 में कराची में चीनी इंजीनियरों पर हमले के बाद चीन ने पाकिस्तान को सख्त सुरक्षा चेतावनियां जारी की थीं.

    चीन ने भले ही आर्थिक निवेश में रुचि दिखाई हो, लेकिन अब वह सुरक्षा के मोर्चे पर पाकिस्तान की क्षमताओं से नाखुश नजर आता है. डार की यह यात्रा उसी विश्वास की डोर को दोबारा मजबूत करने की एक कोशिश मानी जा रही है.

    इतिहास और वर्तमान का फर्क

    यह दृश्य तब और अधिक विचारणीय हो जाता है जब याद किया जाए कि 2013 और 2015 में जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कियांग पाकिस्तान पहुंचे थे, तो इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर उनका शाही अंदाज़ में स्वागत किया गया था. आज उसी रिश्ते का दूसरा पहलू सामने आया है.

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