नई दिल्ली: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को लेकर बयान दिया है, जिसे भारत की सुरक्षा एजेंसियां गंभीरता से देख रही हैं. कराची में पाकिस्तान नेवल अकादमी के एक कार्यक्रम में जनरल मुनीर ने कश्मीर को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि पाकिस्तान "वैध संघर्ष" का समर्थन करता है.
यह बयान ऐसे समय आया है जब जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले की गूंज अभी थमी नहीं है, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों की जान गई थी. भारत ने उस हमले के बाद "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत आतंकियों के कई ठिकानों को निशाना बनाया था.
क्या फिर सक्रिय कर रहा है आतंकी नैरेटिव?
भारत की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ऐसे बयानों को हल्के में नहीं लिया जा सकता, खासकर तब जब अमरनाथ यात्रा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन निकट हों. सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि जनरल मुनीर के भाषण का मकसद केवल कूटनीतिक संदेश देना नहीं है, बल्कि यह आतंकी नेटवर्क और स्लीपर सेल्स के लिए संकेतात्मक संचार भी हो सकता है.
आतंरिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान
विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान की सेना अक्सर ऐसे बयान तब देती है जब देश के भीतर हालात अस्थिर होते हैं. वर्तमान में पाकिस्तान आर्थिक संकट, बलूचिस्तान में असंतोष, TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) और इस्लामिक स्टेट से जुड़ी आतंकी घटनाओं का सामना कर रहा है. साथ ही हाल ही में पाकिस्तानी सेना और ISI के अधिकारियों पर हमलों ने सुरक्षा प्रतिष्ठान की साख पर सवाल खड़े किए हैं.
ऐसे में भारत को निशाना बनाना पाकिस्तान की सेना की एक पुरानी रणनीति रही है, जिससे आंतरिक समस्याओं से जनता का ध्यान हटाया जा सके और खुद को "राष्ट्र रक्षक" के रूप में प्रस्तुत किया जा सके.
भारत की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
जनरल मुनीर के बयान को ध्यान में रखते हुए भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां अमरनाथ यात्रा और अन्य संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं. सूत्रों के अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और घाटी में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए एक समन्वित रणनीति पर काम हो रहा है.
भारत का आतंक के खिलाफ स्पष्ट रुख
भारत ने बीते वर्षों में आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है — सर्जिकल स्ट्राइक (2016), बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019) और हाल का ऑपरेशन सिंदूर — इसके उदाहरण हैं. भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सीमा पार से आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा मिला, तो वह जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा.
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