Health Risks Of Copper Water Bottles: आजकल सेहत के प्रति जागरूक लोग एक नई आदत तेजी से अपना रहे हैं, तांबे की बोतल में पानी पीना. चाहे ऑफिस हो या जिम, बहुत से लोग अब प्लास्टिक की जगह कॉपर बॉटल को प्राथमिकता देने लगे हैं. माना जाता है कि तांबे में रखा पानी शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है, जैसे इम्यून सिस्टम को मजबूत करना, पाचन सुधारना और त्वचा में निखार लाना. लेकिन क्या यह हर किसी के लिए फायदेमंद है? नहीं. कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में तांबे का पानी पीना नुकसानदेह भी साबित हो सकता है.
तांबा (Copper) एक जरूरी मिनरल है जो शरीर की कई जरूरी क्रियाओं में मदद करता है. लेकिन इसकी ज़रूरत बहुत कम मात्रा में होती है. जब हम कॉपर की बोतल में पानी रखते हैं, तो थोड़ी मात्रा में तांबा पानी में घुल जाता है और उसे पीने से यह मिनरल हमारे शरीर में पहुंचता है. लेकिन अगर शरीर इसे प्रोसेस न कर पाए, तो यह फायदे की जगह नुकसान भी कर सकता है.
किन लोगों को तांबे की बोतल से पानी पीने से बचना चाहिए?
1. किडनी के मरीज
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, जिन लोगों को किडनी की बीमारी है, उनके लिए कॉपर पानी पीना खतरे से खाली नहीं है. खराब किडनी एक्स्ट्रा तांबे को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे शरीर में तांबा जमा होने लगता है. इसका नतीजा होता है कॉपर टॉक्सिसिटी, जिससे उल्टी, मतली, पेट दर्द, और यहां तक कि किडनी या लिवर डैमेज भी हो सकता है.
2. कॉपर एलर्जी वाले लोग
एक स्टडी के मुताबिक लगभग 3.8% लोगों को तांबे से एलर्जी हो सकती है. ऐसे लोगों को त्वचा पर रैशेज, जलन, खुजली जैसे लक्षण हो सकते हैं. इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका है कि कॉपर बॉटल से दूरी बनाई जाए.
3. छोटे बच्चे
बच्चों की किडनी और लिवर पूरी तरह से विकसित नहीं होते. ऐसे में तांबा उनके शरीर में जमा हो सकता है और गैस, अपच, दस्त जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है. खासकर शिशुओं को कॉपर बॉटल से पानी बिलकुल न पिलाएं.
4. विल्सन डिजीज वाले लोग
विल्सन डिजीज एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर तांबे को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाता. ऐसे लोगों में कॉपर जमा होकर लिवर, दिमाग और किडनी को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए इस बीमारी से जूझ रहे लोग कॉपर के बर्तन से पानी न पिएं.
तांबे की बोतल से पानी पीते वक्त रखें ये जरूरी सावधानियां:
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