तेहरान और यरुशलम के बीच जारी तनाव एक बार फिर उफान पर है. ईरान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि इजरायल उसके परमाणु ठिकानों पर हमला करता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी अमेरिका पर होगी. यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी मीडिया में यह खबर चल रही है कि इजरायल संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारियों में जुटा हुआ है.
'हम उसका ठोस और निर्णायक जवाब देंगे'
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को लिखे एक पत्र में कहा, "ईरान, इजरायल के ज़ायोनी शासन की किसी भी प्रकार की सैन्य दुस्साहस के प्रति कड़ी चेतावनी देता है. यदि हमारी सुरक्षा या परमाणु ठिकानों पर कोई गैरकानूनी कदम उठाया गया, तो हम उसका ठोस और निर्णायक जवाब देंगे."
यह विवाद ऐसे समय गहराता दिख रहा है जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत का पांचवां दौर प्रस्तावित है. हालांकि, ईरान पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि वह यूरेनियम संवर्धन की अपनी प्रक्रिया किसी भी सूरत में नहीं रोकेगा. अरागची ने ईरानी सरकारी टेलीविजन से कहा, "हम पहले भी कह चुके हैं और आज फिर दोहराते हैं — ईरान में यूरेनियम संवर्धन जारी रहेगा, चाहे कोई समझौता हो या न हो."
'हम कभी बातचीत से पीछे नहीं हटे'
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नागरिक उद्देश्यों के लिए है, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगियों को इस पर गहरा संदेह है. वॉशिंगटन का मानना है कि संवर्धन की यह प्रक्रिया परमाणु हथियार निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकती है.
अरागची ने यह भी संकेत दिया कि तेहरान अभी विचार कर रहा है कि वह आगामी वार्ता दौर में भाग लेगा या नहीं. उन्होंने कहा, "हम कभी बातचीत से पीछे नहीं हटे. हमारी बातचीत में भागीदारी का मकसद सिर्फ और सिर्फ ईरानी जनता के अधिकारों की रक्षा करना है. लेकिन हम ज़रूरत से ज़्यादा दबाव और बेबुनियाद मांगों को स्वीकार नहीं करेंगे."
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