तेहरान/नई दिल्ली: फ्रेंडशिप डे के अवसर पर जब दुनिया भर में दोस्ती के रिश्तों को सेलिब्रेट किया जा रहा था, उस समय भारत को एक ऐसा संदेश मिला जिसने न केवल भारतीयों के दिलों को छू लिया, बल्कि वैश्विक मंच पर भी चर्चा बटोरी. ये संदेश आया ईरान की राजधानी तेहरान से भारत में स्थित ईरानी दूतावास की ओर से.
3 अगस्त को, फ्रेंडशिप डे के मौके पर, ईरानी दूतावास ने भारत के साथ अपने रिश्तों को लेकर एक बेहद भावनात्मक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण वाला बयान जारी किया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए इस संदेश ने यह स्पष्ट किया कि भारत और ईरान का रिश्ता न तो हाल का है, न ही परिस्थितियों पर आधारित है बल्कि यह सभ्यता की शुरुआत से ही चला आ रहा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गठबंधन है.
सभ्यता की शुरुआत से चली आ रही है दोस्ती
अपने ट्वीट में ईरानी दूतावास ने लिखा, "सभ्यता के आरंभ से शुरू होकर, इतिहास के नाजुक मोड़ों से गुजरते हुए, दो महान राष्ट्र ईरान और भारत के बीच मित्रता बनी रही है. यह दोस्ती राजवंशों, शासकों, धर्मों और मान्यताओं से परे अटूट रही है. साहित्य, भाषा, दर्शन, नैतिकता और कला से जुड़े हमारे साझा बंधन आज भी लोगों के जीवन में झलकते हैं."
From the dawn of civilization through the trials of history, the friendship between the great nations of #Iran and #India has endured—transcending dynasties and rulers, faiths and beliefs. It is a bond interwoven with literature, language, philosophy, ethics, and art, reflected…
— Iran in India (@Iran_in_India) August 3, 2025
यह संदेश केवल कूटनीतिक औपचारिकता नहीं था, बल्कि इसमें गहराई से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संबंधों को रेखांकित किया गया. भारत और ईरान दोनों ही प्राचीन सभ्यताओं के रूप में स्थापित हैं, जिनकी सोच, संस्कृति और परंपराएं एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं.
सोशल मीडिया पर भारतीयों ने जताया आभार
इस मैत्रीपूर्ण और हार्दिक संदेश ने भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स का ध्यान तुरंत अपनी ओर खींचा. हजारों लोगों ने इस ट्वीट को न केवल पसंद किया बल्कि इसे रीट्वीट करते हुए ईरान की इस भावना की सराहना भी की.
कई यूज़र्स ने भारत और ईरान के साझा मूल्यों की तारीफ की. एक यूज़र ने लिखा: "भारत और ईरान दोनों ही अमेरिका के दबाव में नहीं झुकते, यह हमारी समानता की सबसे बड़ी पहचान है." वहीं कई लोगों ने इन दो देशों के साझा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बंधनों की प्रशंसा की, जो राजनीति से परे हैं.
अमेरिका पर भी उठाई आवाज
इस दोस्ती भरे संदेश के साथ-साथ ईरानी दूतावास ने अतीत में भारत के हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की नीतियों की भी आलोचना की थी. विशेष रूप से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ (सीमा शुल्क) को लेकर ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी.
ईरानी अधिकारियों ने उस समय स्पष्ट किया था कि अमेरिका वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, खासकर भारत और ईरान जैसे देशों के खिलाफ. उस बयान में कहा गया था, "अमेरिका की यह नीति अंतरराष्ट्रीय कानून और विभिन्न देशों की राष्ट्रीय संप्रभुता के खिलाफ है. यह एक नए तरह का आर्थिक साम्राज्यवाद है, जिसे पूरी दुनिया को मिलकर चुनौती देनी चाहिए."
वैश्विक संतुलन में भारत और ईरान की भूमिका
ईरान और भारत दोनों ही वैश्विक मंच पर अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के लिए जाने जाते हैं. दोनों देश न तो किसी एक ध्रुवीय शक्ति के अधीन रहे हैं, न ही पश्चिमी देशों की आर्थिक दबाव की रणनीति के आगे झुके हैं. ऐसे में दोनों के बीच की दोस्ती केवल सांस्कृतिक या ऐतिहासिक नहीं, बल्कि रणनीतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
ईरान ने अपने फ्रेंडशिप डे संदेश में इस बात पर भी जोर दिया कि भविष्य में दुनिया को एक "गैर-पश्चिमी बहुध्रुवीय व्यवस्था" की जरूरत है, जहां विकासशील और स्वतंत्र राष्ट्र मिलकर वैश्विक समस्याओं का समाधान कर सकें.
ये भी पढ़ें- भारत ने रिजेक्ट किया F-35, तो रूस की हुई चांदी, Su-57 फाइटर जेट के लिए दिया बड़ा ऑफर, क्या होगी डील?