मोसाद के जासूस को ईरान ने दिनदहाड़े फंदे से लटकाया, नेतन्याहू का गला सूखा; क्या ये परमाणु युद्ध की शुरुआत है?

    मदनी को ईरान की सुरक्षा एजेंसियों ने 2020 में तेहरान से गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसियों का आरोप था कि वह वर्षों से मोसाद के लिए काम कर रहा था.

    Iran hanged Mossad spy Netanyahu
    नेतन्याहू | Photo: ANI

    जासूसी की दुनिया में एक बड़ा मोड़ आया जब ईरान ने मोसाद के एक कथित एजेंट को सरेआम फांसी पर लटका दिया. यह वही व्यक्ति था, जो ईरान की सरजमीं पर रहकर इजरायल की खुफिया एजेंसी के लिए संवेदनशील सूचनाएं भेजता था. उसका नाम था पेड्राम मदनी—एक ऐसा जासूस, जिसे 'मोसाद का सबसे चालाक एजेंट' करार दिया गया.

    इस कार्रवाई ने न केवल ईरान में विदेशी खुफिया नेटवर्क की मौजूदगी पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि क्षेत्रीय शक्तियों के बीच साइबर और इंटेलिजेंस वार कितनी तेजी से बढ़ रही है.

    पेड्राम मदनी की गिरफ्तारी और आरोपों की पुष्टि

    मदनी को ईरान की सुरक्षा एजेंसियों ने 2020 में तेहरान से गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसियों का आरोप था कि वह वर्षों से मोसाद के लिए काम कर रहा था. बताया गया कि उसने विदेशों में रहकर प्रशिक्षण लिया, विशेषकर जर्मनी में, और वहां से लौटकर ईरान में एक सक्रिय जासूसी नेटवर्क तैयार किया.

    मदनी अपने विदेशी आकाओं से डिजिटल माध्यमों पर जुड़े रहता और बिटकॉइन व यूरो के जरिए पेमेंट लिया करता था. उसके खिलाफ लगे आरोपों में राजनीतिक जासूसी, गोपनीय सैन्य जानकारियों की तस्करी और अवैध वित्तीय लेनदेन प्रमुख थे.

    गोपनीय सूचनाएं और विदेशी कनेक्शन

    डिजिटल फॉरेंसिक जांच के दौरान मदनी की डिवाइसों से गुप्त संदेश, फाइलें और लोकेशन डेटा बरामद हुए, जो उसने इजराइली अधिकारियों को भेजे थे. इन दस्तावेजों में ईरान के रणनीतिक सैन्य ठिकानों की जानकारी, उनके कोऑर्डिनेट्स, और उनकी सुरक्षा व्यवस्था के विवरण शामिल थे.

    चौंकाने वाली बात ये भी सामने आई कि मदनी ने ब्रसेल्स में इजराइली दूतावास जाकर एक वरिष्ठ मोसाद अधिकारी से सीधे मुलाकात की थी. ये मुलाकातें उसके एजेंट नेटवर्क की पुष्टि के लिए की जाती थीं.

    'ईश्वर से युद्ध' का दोषी

    ईरानी अदालत ने उसे दो बेहद गंभीर अपराधों में दोषी पाया:

    • "मोहरबेह" (ईश्वर से युद्ध)
    • "इफसाद फिल-अर्ज़" (धरती पर भ्रष्टाचार फैलाना)

    कोर्ट की सुनवाई के दौरान पेश सबूत इतने पुख्ता थे कि उसे बिना किसी देरी के मृत्युदंड दिया गया, जिसे हाल ही में अंजाम भी दे दिया गया है. मदनी की सजा कोई अनोखा मामला नहीं है. इससे पहले भी ईरान ने कई ऐसे कथित मोसाद एजेंटों को गिरफ्तार और दंडित किया है. मोहसिन लैंगरानशीन जैसे नामों को आतंकी नेटवर्क चलाने और देश में अस्थिरता फैलाने के आरोप में पकड़ा जा चुका है.

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