पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने इरादों को बेहद स्पष्ट कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर सीधा हमला किया और पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया कि आतंक का कोई ठिकाना अब सुरक्षित नहीं. इस ऑपरेशन के बाद अब भारत ने समुद्री मोर्चे पर भी अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत का दौरा किया और जवानों का मनोबल बढ़ाया.
INS विक्रांत से दी गई चेतावनी, तैयार है भारत का समुद्री कवच
राजनाथ सिंह का यह दौरा केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि यह पाकिस्तान और उसके आतंक समर्थक नेटवर्क के लिए स्पष्ट चेतावनी थी. INS विक्रांत से जारी तस्वीरों में रक्षा मंत्री के पीछे मिग-29 लड़ाकू विमान नजर आए, जो इस बात का संकेत हैं कि भारत समुद्री मोर्चे पर भी पूरी तरह सजग और सक्षम है. नौसेना के साथ यह उपस्थिति एक तरह से भारत की समुद्री सैन्य क्षमता का खुला प्रदर्शन भी था.
सीजफायर की गुहार और ऑपरेशन सिंदूर की निर्णायक छाया
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब पाकिस्तान में सैन्य दबाव बढ़ा और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई, तो पाकिस्तानी नेतृत्व ने सीजफायर की अपील की. बताया जाता है कि भारत के विमानवाहक पोत INS विक्रांत ने उस समय कराची की ओर बढ़ने की तैयारी कर ली थी, लेकिन मानवीयता के आधार पर भारत ने फिलहाल अभियान को विराम दिया. हालांकि, भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, और स्थिति के अनुसार कार्रवाई जारी रहेगी.
INS विक्रांत से उठा संदेश – समुद्र से भी मिलेगा जवाब
अरब सागर में तैनात INS विक्रांत न सिर्फ भारत की रणनीतिक क्षमताओं का परिचायक है, बल्कि यह एक ऐसा मंच बन गया है, जहां से भारत ने यह साफ कर दिया है कि यदि दुश्मन देश ने फिर से कोई दुस्साहस किया, तो इस बार जवाब हवा, ज़मीन और समुद्र तीनों मोर्चों से मिलेगा. राजनाथ सिंह की मौजूदगी में नेवी चीफ और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे, जो इस पूरे अभियान की गंभीरता को दर्शाता है.
दुनिया को दिखाई भारत की बहु-आयामी युद्ध नीति
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह दिखा दिया है कि वह केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि हर उस मोर्चे पर तैयार है, जहां से देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. पहलगाम हमले के बाद जिस तरह की जवाबी कार्रवाई की गई, और अब INS विक्रांत से जो संदेश दिया गया है, वह बताता है कि भारत अब प्रतिकार नहीं, निर्णायक कार्रवाई की नीति अपना रहा है.
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