इजराइल-अमेरिका से पिटाई के बाद, दौड़ा-दौड़ा साऊदी भागा ईरान; मदद मांगने के लिए बढ़ा रहा दोस्ती का हाथ!

    Israel and Iran War: बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिका यात्रा के दौरान जब इजराइल और अमेरिका ईरान और गाजा मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे, उसी समय सऊदी अरब के जेद्दा शहर में एक ऐतिहासिक बैठक हो रही थी.

    Iran Foreign Minister Araghchi Meet with saudi arab prince
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    Israel and Iran War: बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिका यात्रा के दौरान जब इजराइल और अमेरिका ईरान और गाजा मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे, उसी समय सऊदी अरब के जेद्दा शहर में एक ऐतिहासिक बैठक हो रही थी. मंगलवार को, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची से मुलाकात की, जिससे खाड़ी देशों में तनावपूर्ण समय के बावजूद दोनों देशों के रिश्तों में एक नई दिशा की संभावना जताई जा रही है.

    इजराइल युद्ध के बाद ईरान की पहली बड़ी यात्रा

    यह यात्रा इजराइल के साथ युद्ध के बाद खाड़ी देशों में किसी ईरानी अधिकारी की पहली आधिकारिक यात्रा मानी जा रही है, और इसके बहुत मायने हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ नेतन्याहू की बैठक और सऊदी अरब में अराघची की मुलाकात एक संयोग नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति और इजराइल के प्रधानमंत्री जहां एक ओर ईरान और गाजा के मुद्दे पर रणनीति बना रहे थे, वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब के जेद्दा में ईरान और सऊदी के रिश्तों पर चर्चा हो रही थी.

    सऊदी और ईरान के रिश्तों में आई मजबूती

    ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, एस्माईल बाघेई ने बताया कि इस बैठक के बाद क्राउन प्रिंस मोहम्मद और अराघची के बीच बातचीत "फलदायी" रही. खास बात यह है कि इजराइल के साथ युद्ध के बाद भी सऊदी और ईरान के बीच रिश्तों में कोई बड़ी दरार नहीं आई है. यह यात्रा इस बात का प्रतीक है कि क्षेत्रीय घटनाक्रम और युद्ध के बावजूद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क बना हुआ है.

    कूटनीतिक प्रयासों पर जोर

    सऊदी अरब की आधिकारिक समाचार एजेंसी SPA के अनुसार, क्राउन प्रिंस ने युद्ध विराम समझौते के बाद क्षेत्र में शांति और स्थिरता की उम्मीद जताई. इसके अलावा, उन्होंने किंगडम के विवादों को हल करने के लिए कूटनीतिक रास्तों को प्राथमिकता देने की बात कही. इस दौरान, अराघची ने इजराइली आक्रमण की निंदा करते हुए सऊदी अरब की सरकार का धन्यवाद किया.

    2023 में समझौते से सुधार की शुरुआत

    तेहरान और रियाद के रिश्ते कई वर्षों तक तनावपूर्ण रहे थे, जिनकी वजह से दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रीय विवाद और आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे थे. हालांकि, 2023 में चीन की मध्यस्थता से हुए समझौते ने दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में अहम कदम उठाया. इस समझौते के तहत दोनों देशों ने औपचारिक रूप से अपने कूटनीतिक रिश्ते बहाल किए थे, और अब यह यात्रा एक नई शुरुआत का संकेत दे रही है.

    भविष्य में संबंधों का संभावित प्रभाव

    सऊदी और ईरान के बीच बढ़ती कूटनीतिक बातचीत से यह संकेत मिलता है कि क्षेत्र में नई शांति और सहयोग की राह तैयार हो सकती है. वहीं, सऊदी अरब द्वारा क्षेत्रीय मुद्दों पर कूटनीतिक समाधान को प्राथमिकता देना भी दर्शाता है कि दोनों देश भविष्य में ज्यादा समन्वय और सहयोग के रास्ते पर जा सकते हैं. इस यात्रा ने यह साबित कर दिया कि क्षेत्रीय राजनीति में बदलाव और सहयोग की संभावना हमेशा बनी रहती है, और दोनों देशों के बीच संबंधों में और मजबूती आ सकती है, जिससे पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र में शांति और स्थिरता की उम्मीद जताई जा रही है.

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