'डरपोक ईरानी तानाशाह बंकर में छिपा बैठा है', अस्पताल पर हुए हमले पर भड़के नेतन्याहू; कह डाली ये बात

    Iran and Israel War: मध्य-पूर्व में एक बार फिर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. ईरान और इजरायल के बीच चल रही तकरार अब सीधे युद्ध में तब्दील होती नजर आ रही है. गुरुवार को ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों के जवाब में इजरायल ने बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए ईरान के अराक परमाणु रिएक्टर समेत कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला किया है.

    Iran fired missile on israel hospital netanyahu reacts
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    Iran and Israel War: मध्य-पूर्व में एक बार फिर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. ईरान और इजरायल के बीच चल रही तकरार अब सीधे युद्ध में तब्दील होती नजर आ रही है. गुरुवार को ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों के जवाब में इजरायल ने बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए ईरान के अराक परमाणु रिएक्टर समेत कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला किया है.

    ईरान का बड़ा हमला: अस्पतालों और स्टॉक एक्सचेंज को बनाया निशाना

    इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार सुबह एक सख्त बयान में कहा कि ईरान ने बेर्शेबा स्थित सोरोका अस्पताल और देश के मध्यवर्ती क्षेत्रों में रिहायशी इलाकों को टारगेट किया है. इसे नेतन्याहू ने “आतंकी तानाशाहों की बेशर्मी” करार दिया और कहा कि “तेहरान के शासकों को इसका पूरा हिसाब देना होगा. 

    वहीं, इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ईरान का नेतृत्व बंकरों में छिपा बैठा है और नागरिक ठिकानों को निशाना बना रहा है. यह युद्ध अपराध है, और इसका अंजाम भुगतना होगा.” ईरानी हमले में तेल अवीव का स्टॉक एक्सचेंज भी क्षतिग्रस्त हुआ, जिससे यह हमला अब तक की सबसे आक्रामक कार्रवाई बन गया है.

    अराक परमाणु रिएक्टर पर इजरायल का पलटवार

    जवाबी कार्रवाई में इजरायली वायुसेना ने ईरान के खोंदाब क्षेत्र में स्थित अराक परमाणु रिएक्टर को टारगेट किया. जानकारी के मुताबिक, यह रिएक्टर प्लूटोनियम उत्पादन में सक्षम था और भविष्य में परमाणु हथियारों के लिए उपयोग किया जा सकता था. IDF (इजरायली डिफेंस फोर्स) के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य उस क्षमताशील हिस्से को खत्म करना था, जिससे ईरान फिर से परमाणु हथियार निर्माण की दिशा में कदम न बढ़ा सके.

    40 फाइटर जेट्स ने ईरान में मचाई तबाही

    इजरायली सेना ने खुलासा किया है कि इस ऑपरेशन में 40 लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया. इन जेट्स ने ईरान के कई सैन्य और औद्योगिक ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें शामिल थे. मिसाइल निर्माण यूनिट्स, वायु रक्षा प्रणाली, बैलिस्टिक मिसाइल असेंबली यूनिट्स, रॉ मटेरियल तैयार करने वाली फैक्ट्रियां इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन रेजोल्यूट शील्ड” नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमता को रणनीतिक तौर पर कमजोर करना है.

    अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहराया संकट

    इस युद्ध जैसी स्थिति से दुनियाभर की निगाहें अब तेहरान और यरुशलम पर टिकी हुई हैं. अमेरिका, रूस, चीन और यूरोपीय संघ ने तत्काल संयम बरतने की अपील की है, वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाए जाने की तैयारी की जा रही है.

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