मध्य पूर्व में जारी तनाव के बीच ईरान ने अपनी वायु सुरक्षा क्षमताओं को लेकर उल्लेखनीय रिकवरी दिखाई है. अप्रैल-जून 2025 के दौरान इजरायल द्वारा किए गए लक्षित हमलों के बाद ईरान का एयर डिफेंस नेटवर्क गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था. लेकिन अब, मात्र एक महीने के भीतर, तेहरान ने न सिर्फ अपनी वायु रक्षा प्रणाली को बहाल कर लिया है, बल्कि उसे और अधिक प्रभावी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का दावा भी किया है.
एयर डिफेंस सिस्टम की त्वरित बहाली
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी डिफा प्रेस के अनुसार, ईरानी सेना के ऑपरेशंस डिप्टी महमूद मुसवी ने पुष्टि की है कि हमलों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए वायु रक्षा प्रणालियों को अब पूरी तरह से प्रतिस्थापित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि कुछ सिस्टम्स को क्षति अवश्य पहुंची थी, लेकिन उन सभी को ईरान में पहले से तैयार रखे गए प्री-पोजिशन्ड सिस्टम्स के ज़रिए तत्काल पुनः सक्रिय कर दिया गया.
आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति पर ज़ोर
ईरान की हालिया रणनीति की सबसे अहम विशेषता उसकी रक्षा आत्मनिर्भरता रही है. अधिकारियों के अनुसार, इस पुनर्बहाली प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के विदेशी रक्षा उपकरण या तकनीक का उपयोग नहीं किया गया.
ईरान की घरेलू रूप से विकसित लंबी दूरी की एयर डिफेंस प्रणाली बावर-373 को इस दौरान और अधिक सक्रिय किया गया है. साथ ही, रूस से प्राप्त S-300 सिस्टम को भी उच्च सतर्कता स्तर पर रखा गया है.
जून 2025 की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि जून 2025 में इजरायल और ईरान के बीच हुए सैन्य टकराव के दौरान, इजरायली वायुसेना ने कई ईरानी सैन्य और रक्षा ठिकानों को निशाना बनाया था. इनमें मिसाइल निर्माण इकाइयाँ, एयर डिफेंस बटालियन और रडार स्टेशन शामिल थे. जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल की ओर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें से अधिकांश को ‘आयरन डोम’ और ‘डेविड्स स्लिंग’ ने इंटरसेप्ट किया.
बावर-373: एक प्रमुख भूमिका में
ईरान की वायु रक्षा में बावर-373 एक केंद्रीय भूमिका निभा रहा है. यह प्रणाली S-400 के समकक्ष मानी जाती है और इसमें मल्टी-लेयर व मल्टी-टारगेट इंटरसेप्शन की क्षमता है. इसकी रेंज लगभग 300 किलोमीटर तक बताई जाती है. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अब यह सिस्टम तेज़ प्रतिक्रिया समय और उन्नत रडार कवरेज के साथ अपग्रेड किया गया है.
रणनीति में बदलाव के संकेत
ईरानी अधिकारियों ने यह भी संकेत दिए हैं कि अब केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि पूर्व-सक्रिय रक्षा रणनीति (Preventive Defense) को अपनाया जा रहा है. इसके अंतर्गत एयर डिफेंस यूनिट्स को नई जगहों पर स्थानांतरित किया गया है और मोबाइल मिसाइल प्लेटफॉर्म्स की संख्या भी बढ़ाई गई है.
राजनीतिक और सैन्य संकेत
ईरान द्वारा इतनी तेज़ी से अपने रक्षा नेटवर्क को पुनर्स्थापित करना, न केवल सैन्य तैयारी का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्रीय ताकतों — खासकर इजरायल और अमेरिका — को एक स्पष्ट संदेश भी है. यह एक बार फिर दर्शाता है कि ईरान अपनी सुरक्षा क्षमताओं को लेकर सतर्क और आत्मनिर्भर है.
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