दुनियाभर में परमाणु हथियारों की होड़ को लेकर चिंताएं एक बार फिर गहराने लगी हैं. हाल ही में सामने आई अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की एक गोपनीय रिपोर्ट ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि ईरान अब परमाणु बम बनाने की कगार पर है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान के पास अब तक लगभग 10 परमाणु हथियार बनाने लायक संवर्धित यूरेनियम जमा हो चुका है – एक ऐसा तथ्य जो न सिर्फ पश्चिमी देशों बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2024 से अप्रैल 2025 के बीच ईरान ने 60 फीसदी शुद्धता वाला संवर्धित यूरेनियम 274.8 किलोग्राम से बढ़ाकर 408.6 किलोग्राम कर लिया है. यह वृद्धि महज तीन महीनों में हुई है – यानी लगभग 50 फीसदी की छलांग, जो एक सामान्य परमाणु कार्यक्रम की गति से कहीं अधिक है.
हथियार-योग्य स्तर तक पहुंचने में बस दो हफ्तों की दूरी
IAEA का मानना है कि ईरान के पास मौजूद यूरेनियम को अगर चाहे तो महज दो हफ्तों में 90 फीसदी संवर्धन के स्तर तक ले जाया जा सकता है – जो कि हथियार निर्माण के लिए आवश्यक होता है. हालांकि ईरान ने हमेशा यह दावा किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और केवल ऊर्जा तथा चिकित्सा उद्देश्यों के लिए है, लेकिन IAEA इस दावे की पुष्टि नहीं कर पा रही है.
रिपोर्ट यह भी बताती है कि ईरान पारदर्शिता के मामले में गंभीर रूप से पिछड़ रहा है. एजेंसी को न तो जरूरी डेटा मिल रहा है और न ही वह पुराने उपकरणों व गतिविधियों को लेकर संतोषजनक जवाब दे रहा है.
ईरान-अमेरिका वार्ता पर पड़ा असर, प्रतिबंधों की चेतावनी
पिछले एक साल से अमेरिका और ईरान के बीच नए परमाणु समझौते को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन हालिया घटनाक्रम के चलते इन वार्ताओं पर गंभीर असर पड़ा है. ईरान ने अमेरिका के नवीनतम प्रस्ताव को “अगंभीर” बताते हुए ठुकरा दिया है और चेतावनी दी है कि अगर उस पर दोबारा प्रतिबंध लगाए गए तो वह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर हो जाएगा.
इजरायल और अमेरिका की तीखी प्रतिक्रिया
IAEA की रिपोर्ट के बाद इजरायल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत ठोस कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि अब बयानबाजी से आगे बढ़ने का समय आ गया है. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टीम ने भी ईरान को एक "स्पष्ट और लाभकारी" प्रस्ताव दिए जाने का दावा किया है, जिसे ठुकराना तेहरान की भूल साबित हो सकता है.
IAEA की यह रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है जब जून 2025 में एजेंसी की बोर्ड बैठक होने जा रही है, जहां ईरान के खिलाफ सख्त प्रस्ताव पारित किया जा सकता है. यदि ऐसा होता है तो ईरान पर एक बार फिर से वैश्विक प्रतिबंधों की तलवार लटक सकती है.
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