ऐसे बिल में जा छिपे ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई, चाहकर भी हमला नहीं कर पाएगा इजराइल

    Iran and Israel War: ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच ईरान ने अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को राजधानी तेहरान के पास स्थित देश के सबसे सुरक्षित स्थान  लाविज़ान बंकर  में स्थानांतरित कर दिया है.

    Iran and Israel War Khamenei hide himself in bunker israel can't attack'
    ऐसे बिल में जा छिपे ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई,

    Iran and Israel War: ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच ईरान ने अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को राजधानी तेहरान के पास स्थित देश के सबसे सुरक्षित स्थान  लाविज़ान बंकर  में स्थानांतरित कर दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, खामेनेई के साथ उनका पूरा परिवार भी इस बंकर में मौजूद है और यहीं से वे देश का सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व संभाल रहे हैं.

    कहां है लाविज़ान बंकर और क्यों है यह इतना अहम?

    लाविज़ान बंकर, खामेनेई के आधिकारिक आवास से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह स्थान सुरक्षा के लिहाज से ईरान का सबसे संरक्षित क्षेत्र माना जाता है. यहां ईरानी सेना की सघन निगरानी रहती है और इसकी बनावट ऐसी है कि इज़रायली मिसाइलें भी इसे भेद नहीं सकतीं. यही नहीं, लाविज़ान क्षेत्र में ईरानी ज़मीनी सेना का मुख्यालय भी है, जहां से पूरे युद्ध की निगरानी की जा रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस जगह पर नियंत्रण खत्म होता है, तो ईरान की सैन्य शक्ति पर गहरा असर पड़ेगा.

    न्यूक्लियर साइट और रेडिएशन का खतरा

    अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट के मुताबिक लाविज़ान में ईरान की यूरेनियम संवर्धन साइट भी स्थित है, जिसे भूमिगत बंकर में ऑपरेट किया जाता है. यह एक अत्यधिक संवेदनशील और सुरक्षित न्यूक्लियर इंस्टॉलेशन है. अगर इस पर हमला होता है, तो भारी न्यूक्लियर रेडिएशन फैलने की आशंका जताई जा रही है, जो सिर्फ ईरान नहीं, बल्कि आसपास के देशों के लिए भी खतरा बन सकता है. इस वजह से रणनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इज़राइल यदि लाविज़ान पर हमला करता है, तो वह न केवल अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करेगा, बल्कि खुद भी कूटनीतिक रूप से बैकफुट पर चला जाएगा.

    खामेनेई: ईरान की सत्ता का केंद्र

    ईरान में राष्ट्रपति और कैबिनेट की मौजूदगी के बावजूद सर्वोच्च नेता यानी सुप्रीम लीडर का पद सबसे शक्तिशाली माना जाता है. अली खामेनेई वर्ष 1989 से इस पद पर काबिज हैं और इससे पहले वे ईरान के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं. उन्हें ईरान के पहले सर्वोच्च नेता आयतुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी का सबसे करीबी और भरोसेमंद शिष्य माना जाता था. 86 वर्षीय खामेनेई आज भी देश के हर महत्वपूर्ण फैसले—चाहे वह सैन्य कार्रवाई हो, विदेश नीति या न्यायिक व्यवस्था का अंतिम निर्णय लेने वाले व्यक्ति हैं. यही कारण है कि मौजूदा संघर्ष में उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है.

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