नई दिल्ली: भारत की सैन्य संरचना में एक ऐतिहासिक और रणनीतिक बदलाव के तहत केंद्र सरकार ने 27 मई 2025 से इंटर-सर्विस ऑर्गनाइजेशन (ISO) नियमों को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है. इस कदम का उद्देश्य तीनों सेनाओं — थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच संचालन, नियंत्रण और अनुशासन की प्रक्रियाओं को समेकित करना है.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, नए नियमों के लागू होने के साथ ही अब एक ही कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को अंतरसेवा (Inter-Service) संगठनों में तैनात सैनिकों पर सभी प्रकार के प्रशासनिक और अनुशासनात्मक अधिकार प्राप्त होंगे — चाहे वह सैनिक किसी भी सेवा से संबंधित क्यों न हो.
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बना था कानून
गौरतलब है कि इंटर-सर्विस ऑर्गनाइजेशन बिल को पहली बार दो साल पहले संसद के मानसून सत्र में पेश किया गया था. यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी से कानून बना. इसके बाद इसे 10 मई 2024 से प्रभावी किया गया और अब केंद्र ने इसे लागू करने का अंतिम नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.

नए नियमों से होंगे 3 बड़े बदलाव-
1. कमांड की स्पष्टता और व्यापकता
पहले: किसी भी अधिकारी के पास केवल अपनी संबंधित सेवा (जैसे आर्मी, नेवी या एयरफोर्स) के जवानों पर ही आदेश देने का अधिकार होता था.
अब: नया नियम किसी भी सेवा अधिकारी को ISO के अंतर्गत अन्य सेवा के जवानों को भी आदेश देने की अनुमति देता है. इससे संयुक्त अभियानों में अधिक पारदर्शिता और गति संभव हो सकेगी.
2. प्रशासनिक नियंत्रण में केंद्रीकरण
पहले: जवानों से जुड़े किसी भी प्रशासनिक निर्णय के लिए उन्हें उनकी मूल सेवा इकाई में भेजना पड़ता था, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती थी.
अब: ISO में तैनात एकल अधिकारी को तीनों सेनाओं के जवानों पर प्रशासनिक निर्णय लेने की पूर्ण शक्ति होगी, जिससे संचालन में लचीलापन और दक्षता आएगी.
3. अनुशासन में एकरूपता
पहले: अनुशासनहीनता के मामलों में विभिन्न सेवाओं के बीच समन्वय की कमी के कारण प्रक्रिया जटिल और असंगत होती थी.
अब: नया कानून एक अधिकारी को किसी भी अनुशासनात्मक उल्लंघन पर त्वरित और निष्पक्ष निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा, जिससे पूरे सिस्टम में संयम और अनुशासन की संस्कृति को मजबूती मिलेगी.
क्यों है यह बदलाव महत्वपूर्ण?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय भारत की रक्षा संरचना को आधुनिक युद्धक रणनीतियों के अनुरूप अधिक लचीला, त्वरित और संगठित बनाएगा. जहां पहले प्रत्येक सेवा की अलग-अलग कार्यशैली के कारण संयुक्त अभियानों में समन्वय में बाधा आती थी, वहीं अब यह नई व्यवस्था संगठनों के बीच की दीवारों को तोड़कर एकीकृत रणनीति को बढ़ावा देगी.
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