देश की सबसे बड़े यात्री नेटवर्क वाली एयरलाइन इंडिगो इन दिनों गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है. कई हवाई अड्डों पर यात्रियों को घंटेभर की देरी, लंबी कतारें और रद्द उड़ानों के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि नागर विमानन महानिदेशालय DGCA को हस्तक्षेप कर एयरलाइन के शीर्ष अधिकारियों को तलब करना पड़ा.
बुधवार का दिन इंडिगो यात्रियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. सुबह से ही उड़ानें रद्द होने का सिलसिला शुरू हुआ और देखते-देखते यह संख्या 100 के पार पहुंच गई. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे व्यस्त एयरपोर्ट सबसे ज्यादा प्रभावित रहे. कई लोग तय समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके, जिससे एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
पायलटों की कमी और थकान प्रबंधन पर उठे सवाल
उड़ानों की इस अव्यवस्था के बीच पायलट एसोसिएशन ALPA इंडिया भी सामने आया और उन्होंने DGCA से आग्रह किया कि जब भी एयरलाइंस को स्लॉट दिए जाएं, तो पायलटों की उपलब्ध संख्या को भी ध्यान में रखा जाए. हाल ही में लागू हुए फैटीग रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम (FRMS) में पायलटों के आराम को प्राथमिकता दी गई है, ऐसे में बढ़े हुए शेड्यूल और सीमित स्टाफ से संचालन अस्थिर हो सकता है.
DGCA ने मांगी जवाबदेही, इंडिगो ने बताई समस्याएं
DGCA ने कहा है कि वह इस पूरे मामले की जांच कर रहा है और एयरलाइन से विस्तृत योजना मांगी गई है कि रद्द उड़ानों की संख्या कैसे कम की जाएगी. वहीं, इंडिगो ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि बीते दो दिनों से अचानक बढ़ी परिचालन दिक्कतों ने नेटवर्क को बुरी तरह प्रभावित किया है. एयरलाइन के अनुसार, तकनीकी समस्याएँ, सर्दियों के शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम, बढ़ा एयर ट्रैफिक और नए FDTL नियम मिलकर उड़ानों पर असर डाल रहे हैं.
यात्रियों को कब मिलेगी राहत?
इंडिगो रोजाना करीब 2,300 उड़ानों का संचालन करती है, ऐसे में किसी भी तरह की बाधा का असर तुरंत यात्रियों पर पड़ता है. फिलहाल DGCA की जांच और एयरलाइन की सुधार योजना से ही साफ होगा कि स्थिति कब सामान्य हो पाएगी. हालांकि, अभी यात्रियों को सावधानी और अतिरिक्त समय लेकर एयरपोर्ट पहुंचने की सलाह दी जा रही है.
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