Indian Railways: भारतीय रेलवे, जो कि एशिया का दूसरा और विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, देश की आबादी और क्षेत्रफल को जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लगभग आठ हजार रेलवे स्टेशन देश भर में फैले हुए हैं, जिनमें से कई अपने नाम, इतिहास और अनोखी कहानियों के कारण प्रसिद्ध हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है, जहां पिछले पांच वर्षों से कोई ट्रेन नहीं रुकती? आइए इस दिलचस्प और थोड़ी दुखद कहानी पर नजर डालते हैं.
एक समय थी खूब हलचल
खंडवा जिले के पास स्थित कोहदाड़ रेलवे स्टेशन कभी यात्रियों से भरा रहता था. यह स्टेशन कटनी-भुसावल के बीच जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों का एक अहम स्टॉप था. यहां रोजाना सैकड़ों लोग सफर करते थे, जिससे स्टेशन पर जीवन की हलचल बनी रहती थी. लेकिन हाल के वर्षों में इस स्टेशन की हालत पूरी तरह बदल गई है. अब यहां सुनसान सन्नाटा पसरा है, और प्लेटफॉर्म खाली-खाली सा लगता है.

पांच साल से नहीं रुकी कोई ट्रेन
इस बदलाव की वजह भारतीय रेलवे द्वारा कटनी-भुसावल पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस ट्रेन में बदलना है. एक्सप्रेस ट्रेनें तेज़ होती हैं और कम स्टॉप करती हैं, जिससे इस रूट पर कोहदाड़ स्टेशन को स्टॉपेज नहीं मिला. इसके परिणामस्वरूप, पिछले पांच सालों से इस स्टेशन पर कोई ट्रेन रुकती नहीं है. पहले जहां यात्रियों की भीड़ लगी रहती थी, अब वहां बस खाली पटरी ही नजर आती है.
कोहदाड़ रेलवे स्टेशन का यह बदसूरत हाल एक व्यापक बदलाव का प्रतीक है, जहां रेलवे की आधुनिकता और तीव्र गति ने छोटे और कम यात्री वाले स्टेशनों को पीछे छोड़ दिया है. यह कहानी हमें बताती है कि कैसे विकास और बदलाव के चलते कुछ जगहें धीरे-धीरे भुला दी जाती हैं, जबकि यात्री सुविधाओं में सुधार किया जाता है.
भारतीय रेलवे आज भी देश के लिए जीवनधारा की तरह काम करता है, लेकिन ऐसे कई छोटे स्टेशन हैं जिनकी पहचान और अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. कोहदाड़ स्टेशन की कहानी भी इसी श्रेणी में आती है, जहां कभी रौनक थी, आज वहां खामोशी है.
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