MHA On NATO Cheif: भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक अहम प्रेस ब्रीफिंग में कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर स्पष्ट और तीखा रुख अपनाते हुए अपने हितों की दृढ़ता से रक्षा की. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस ब्रीफिंग में न केवल नाटो महासचिव मार्क रुटे के हालिया बयान को सिरे से खारिज किया, बल्कि पाकिस्तान, तुर्की, अमेरिका और अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी भारत का रुख मजबूती से प्रस्तुत किया.
सबसे पहले चर्चा हुई नाटो महासचिव मार्क रुटे के उस बयान की, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन संघर्ष को लेकर कोई खास बातचीत हुई है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रणधीर जायसवाल ने दो टूक कहा, "ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है जैसी बात नाटो महासचिव ने कही है. यह पूरी तरह से बेबुनियाद है."
उन्होंने नाटो नेतृत्व से यह अपेक्षा जताई कि वे जिम्मेदारी और तथ्यों पर आधारित बयान दें, क्योंकि उनके शब्द अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से लिए जाते हैं. भारत ने चेतावनी दी कि इस तरह के अनाधिकारिक, अनुमान आधारित या झूठे बयानों को अस्वीकार्य माना जाएगा.
ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति पर भारत की नजर
ब्रीफिंग में अमेरिका की नई टैरिफ नीति, विशेषकर फार्मास्युटिकल सेक्टर पर चर्चा की गई. जायसवाल ने कहा कि भारत के संबंधित मंत्रालय अमेरिकी फार्मा सेक्टर पर लगे नए टैरिफ की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने यह संकेत दिया कि भारत, किसी भी नई व्यापार नीति के प्रभाव का आंकलन कर आवश्यक कदम उठाएगा.
तुर्की द्वारा कश्मीर मुद्दा उठाना पूरी तरह अस्वीकार्य
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन द्वारा संयुक्त राष्ट्र मंच पर कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने कड़ा ऐतराज़ जताया. MEA प्रवक्ता ने कहा, "कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और कोई भी बाहरी टिप्पणी अस्वीकार्य है." उन्होंने दोहराया कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मामले में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा.
साइप्रस मुद्दे पर भारत की स्थिति
भारत और साइप्रस के बीच हुई विदेश मंत्रियों की बैठक में भी कई अहम विषयों पर चर्चा हुई. खासतौर पर नॉर्थ साइप्रस के मुद्दे पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार शांति और समाधान का समर्थन दोहराया. भारत का रुख साफ रहा कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की एकतरफा कार्रवाई उचित नहीं है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन किया जाना चाहिए.
आतंकवाद ने सार्क को बंधक बना रखा है
दक्षिण एशिया के संदर्भ में भारत ने क्षेत्रीय सहयोग संगठन सार्क की प्रगति को लेकर चिंता जताई और इसका ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ा. जायसवाल ने कहा, "भारत क्षेत्र में कनेक्टिविटी और सहयोग बढ़ाना चाहता है, लेकिन पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों ने पूरे सार्क को बंधक बना रखा है."
इस संदर्भ में उन्होंने अमेरिका में हुई शहबाज शरीफ और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत इस मुलाकात को संज्ञान में ले रहा है. इसका साफ मतलब यह है कि भारत अपनी कूटनीतिक नजरें हर गतिविधि पर बनाए हुए है.
शेख हसीना से जुड़े बयानों पर भी भारत का रुख साफ
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर कुछ हलकों में उठे बयानों पर भारत ने साफ किया कि भारत का रुख इस विषय पर पहले से ही स्पष्ट है और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है. यह बयान भारत-बांग्लादेश संबंधों की स्थिरता को रेखांकित करता है, जहां दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग मजबूत बना हुआ है.
ईरान में भारतीय नागरिकों के अपहरण पर चिंता
ईरान में हाल ही में भारतीय नागरिकों के अपहरण की घटनाएं सामने आई हैं, जिस पर विदेश मंत्रालय ने गहरी चिंता जताई. जायसवाल ने भारतीय नागरिकों से आग्रह किया कि वे "सतर्क रहें और अनधिकृत या जोखिम भरे क्षेत्रों की यात्रा से बचें." भारत इस मामले में ईरानी अधिकारियों के साथ संपर्क में है और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
अवैध प्रवास पर भारत का सख्त संदेश
प्रेस ब्रीफिंग में अवैध प्रवास की समस्या पर भी जोर दिया गया. MEA प्रवक्ता ने बताया कि जनवरी से 25 सितंबर 2025 तक, कुल 2,417 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा गया है. भारत का रुख स्पष्ट है कि अवैध इमिग्रेशन का समर्थन नहीं किया जाएगा. जायसवाल ने कहा, "भारत वैध, सुरक्षित और नियमित प्रवास को बढ़ावा देता है और सभी मामलों में कानून के दायरे में समाधान चाहता है."
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