नई दिल्ली: नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार सीजफायर उल्लंघनों के बीच, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की उन चौकियों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया, जहां से 10 मई को गोलाबारी की गई थी. रविवार को सेना की ओर से एक ऑपरेशन का नया वीडियो जारी किया गया, जिसमें सैन्य कार्रवाई के दृश्यों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है.
सेना के प्रवक्ता के अनुसार, “हमने उन सभी चौकियों को निशाना बनाया, जहां से पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया गया था. अब वे सिर्फ मलबे के ढेर हैं.”
सीजफायर समझौता बना रहेगा प्रभावी
हालांकि, आज भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO स्तर की कोई औपचारिक बातचीत निर्धारित नहीं है. सेना ने यह स्पष्ट किया कि 12 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच जो बातचीत हुई थी, उसमें सीजफायर समझौते की कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की गई थी. ऐसे में यह समझौता तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक दोनों देशों के बीच नई रणनीति पर सहमति नहीं बनती.
इंडियन नेवी का VIDEO
#WATCH | Indian Navy tweets "With courage as our compass and duty as our guide, Indian Navy remains poised to secure peace and destroy all threats" pic.twitter.com/kMvtfTL5G0
— ANI (@ANI) May 18, 2025
राहुल गांधी के बयान पर सफाई
ऑपरेशन सिंदूर के राजनीतिक असर भी दिखाई देने लगे हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया था कि “पाकिस्तान को ऑपरेशन की जानकारी पहले ही दी गई थी,” जिसे उन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता’ बताया.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन से पहले पाकिस्तान को केवल यह चेतावनी दी गई थी कि आतंकी ठिकानों पर हमला किया जाएगा, न कि कोई संवेदनशील जानकारी साझा की गई.
विदेश मंत्रालय ने भी राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया और साफ किया कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि बयान ऑपरेशन के बाद की स्थिति पर आधारित था, न कि उससे पहले की.
बारूदी सुरंग विस्फोट में एक जवान घायल
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले में शनिवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में भारतीय सेना का एक जवान घायल हो गया. यह घटना दिगवार सेक्टर में हुई, जहां नियमित गश्त के दौरान सुरंग में धमाका हुआ. घायल जवान को उपचार के लिए तुरंत सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सेना के अधिकारियों ने बताया कि ये सुरंगें घुसपैठ रोकने के लिए बिछाई जाती हैं, लेकिन बारिश या भू-स्खलन जैसी परिस्थितियों में ये विस्थापित हो जाती हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं.
रक्षा खरीद के लिए 40,000 करोड़ की मंजूरी
सेना के चल रहे ऑपरेशन और सुरक्षा आवश्यकताओं के मद्देनज़र, रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में 40,000 करोड़ रुपये के आपातकालीन रक्षा खरीद प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह निर्णय रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में लिया गया, जिसमें रक्षा मंत्री और शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल थे.
इस बजट का उपयोग आधुनिक हथियार, गोला-बारूद और रणनीतिक उपकरण खरीदने में किया जाएगा, जिससे भारतीय सशस्त्र बलों की युद्ध क्षमता और तैयारियों को और मजबूती मिलेगी.
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