नई दिल्ली: 7 मई की रात भारत के रक्षा इतिहास में एक निर्णायक मोड़ बनकर उभरी. भारतीय सेना और वायुसेना ने एक समन्वित, उच्च तकनीक और अत्यंत सटीक सैन्य अभियान को अंजाम देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. यह ऑपरेशन मात्र 25 मिनट में पूरा किया गया, लेकिन इसका प्रभाव बहुपरतीय और दूरगामी माना जा रहा है.
सेना और वायुसेना की साझेदारी
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के तहत कुल 21 संभावित टार्गेट्स चिन्हित किए गए थे, जिनमें से 9 प्रमुख ठिकानों को तत्काल प्रभाव से नष्ट किया गया. इन लक्ष्यों में 5 PoK में और 4 पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित थे. टार्गेट बंटवारे की रणनीति बेहद सुनियोजित थी — LoC (लाइन ऑफ कंट्रोल) के नजदीकी टार्गेट्स की जिम्मेदारी भारतीय थल सेना ने संभाली, जबकि दूरवर्ती और संवेदनशील इलाकों में स्थित ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का जिम्मा भारतीय वायुसेना को सौंपा गया.
जमीनी कार्रवाई: क्लीन स्ट्राइक, सटीक परिणाम
भारतीय सेना ने बेहद सावधानी से स्मार्ट म्यूनिशन और प्रिसीजन-गाइडेड वेपनरी का प्रयोग किया. इन हथियारों की विशेषता यह है कि वे लक्षित स्थान पर अत्यधिक सटीकता से वार करते हैं, जिससे collateral damage (आसपास के नागरिक क्षेत्रों को नुकसान) का खतरा न्यूनतम हो जाता है. इस अभियान की एक खासियत यह भी रही कि यह शत-प्रतिशत सैन्य लक्ष्यों पर केंद्रित रहा — किसी आम नागरिक या गैर-सैनिक क्षेत्र को कोई क्षति नहीं पहुंची.
राफेल और सुखोई की तांडव शक्ति
दूरवर्ती ठिकानों को तबाह करने के लिए वायुसेना ने अपने सबसे उन्नत फाइटर जेट्स, राफेल और सुखोई-30 MKI, को तैनात किया. इन विमानों ने स्टैंडऑफ मोड में रहकर मिसाइल और स्मार्ट बमों के ज़रिए आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर, लॉजिस्टिक बेस और लॉन्च पैड्स को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. स्टैंडऑफ हमलों का लाभ यह होता है कि विमान दुश्मन के एयर डिफेंस के दायरे में आए बिना लक्ष्य को तबाह कर सकते हैं.
विस्फोटों से कांपा सीमापार क्षेत्र
स्थानीय सूत्रों की मानें तो इस सैन्य कार्रवाई के दौरान कई इलाकों में ऐसा प्रतीत हुआ जैसे रात में दिन निकल आया हो. लगातार गिरते बमों और मिसाइलों के कारण इलाके रोशनी से नहा गए. धमाकों की गूंज पाकिस्तान के पंजाब और PoK के कई हिस्सों में सुनी गई, जिससे वहां भारी दहशत फैल गई.
सुरक्षा, गोपनीयता और आश्चर्य का त्रिकोण
इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता इसकी गोपनीयता और आश्चर्य कारक (surprise element) रही. पाकिस्तान को यह तो आभास था कि भारत जवाबी कार्रवाई करेगा, लेकिन यह कब, कहां, और किस पैमाने पर होगी, इसकी भनक भी उन्हें नहीं लगी. विशेष रूप से पंजाब प्रांत में की गई कार्रवाई ने पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह चौंका दिया.
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऑपरेशन सिंदूर को "इवैल्यूएटिव सिचुएशन" बताया और कहा कि आगे की रणनीति पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने संकेत दिए हैं कि विदेश मंत्रालय जल्द ही इस अभियान पर आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की स्थिति और कार्रवाई के उद्देश्य की विस्तृत जानकारी दी जाएगी.
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