नई दिल्ली: भारतीय सशस्त्र बलों ने हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीडियो सार्वजनिक किए हैं, जिनमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमलों की पुष्टि की गई है. इन वीडियो फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वायुसेना और थलसेना ने मिलकर नौ प्रमुख आतंकवादी अड्डों को सटीकता से निशाना बनाया और नष्ट किया.
इस ऑपरेशन की योजना और क्रियान्वयन की जानकारी भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने साझा की.
OPERATION SINDOOR#JusticeServed
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) May 7, 2025
Target 2 – Gulpur Terrorist Camp at Kotli.
Distance – 30 Km from Line of Control (POJK).
Control Center and Base of Lashkar-e-Taiba (LeT)
Used for revival of terrorism in Jammu and Kashmir.
DESTROYED AT 1.08 AM on 07 May 2025.… pic.twitter.com/JyYlZEAKgU
प्राथमिक लक्ष्य: मुजफ्फराबाद
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी के अनुसार, ऑपरेशन का पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद से 30 किलोमीटर दूर स्थित सवाई नाला आतंकी कैंप था. यह कैंप लश्कर-ए-तैयबा के लिए प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्यरत था. जांच में सामने आया कि सोनमर्ग (अक्टूबर 2024), गुलमर्ग (अक्टूबर 2024), और पहलगाम (अप्रैल 2025) में हुए आतंकी हमलों में शामिल आतंकवादियों को इसी कैंप में प्रशिक्षण मिला था.
OPERATION SINDOOR#JusticeServed
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) May 7, 2025
Target 1 – Abbas Terrorist Camp at Kotli.
Distance – 13 Km from Line of Control (POJK).
Nerve Centre for training suicide bombers of Lashkar-e-Taiba (LeT).
Key training infrastructure for over 50 terrorists.
DESTROYED AT 1.04 AM on 07 May 2025.… pic.twitter.com/OBF4gTNA8q
हमले का समय और तरीका
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने जानकारी दी कि रात 1:05 से 1:30 के बीच यह हमला अंजाम दिया गया. वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों से SCALP और HAMMER जैसे गाइडेड हथियारों का प्रयोग किया गया, जो बेहद उच्च-सटीकता के लिए जाने जाते हैं. ऑपरेशन पूरी तरह से प्रोफेशनल और नियोजित तरीके से अंजाम दिया गया, जिसमें सटीक टारगेटिंग और न्यूनतम collateral damage सुनिश्चित किया गया.
कुल 21 आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर के तहत जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन से संबंधित कुल 21 ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें सियालकोट के सरजल कैंप जैसे प्रमुख अड्डे भी शामिल थे. यह सभी ठिकाने भारतीय नागरिकों और सुरक्षा बलों पर योजनाबद्ध हमलों में शामिल थे.
#WATCH | "4 drones came...panic everywhere", says local in Pakistan's Muridke, giving an eyewitness account of India's Operation Sindoor against terror targets
— ANI (@ANI) May 7, 2025
A local says, "At around 12:45 in the night, first one drone came, followed by three other drones, and they attacked… pic.twitter.com/BUsQ1h31RR
नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई. हमलों की योजना इस तरह बनाई गई कि आतंकियों के ठिकानों को निष्क्रिय किया जा सके, बिना किसी निर्दोष नागरिक को क्षति पहुंचाए.
प्रभाव और निष्कर्ष
कर्नल कुरैशी ने कहा कि यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य सफलता नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद के प्रति भारत के स्पष्ट और निर्णायक रुख का प्रतीक है. इस कार्रवाई से आतंकवादी संगठनों को न केवल भौतिक क्षति पहुंची है, बल्कि उनकी मनोवैज्ञानिक स्थिति और नेटवर्क क्षमता को भी गहरा झटका लगा है.
भारत द्वारा सार्वजनिक किए गए वीडियो इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं कि आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई सटीक, योजनाबद्ध और प्रभावी थी.
रणनीतिक संकेत
यह ऑपरेशन उन प्रयासों का हिस्सा है, जिनके तहत भारत सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का नियंत्रित, कानूनी और सामरिक जवाब दे रहा है. यह संदेश स्पष्ट है— भारत किसी भी आतंकी गतिविधि के प्रति न तो उदासीन है, न ही अनुत्तरदायी.
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