भारतीय हॉकी टीम ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. 2025 हॉकी एशिया कप के फाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर चौथी बार यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया. यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि 12 साल पुराने एक अधूरे मिशन की सफल परिणति थी. 2013 में कोरिया ने भारत को बेहद करीबी मुकाबले में 4-3 से हराकर खिताब छीना था, और अब भारतीय टीम ने उसी प्रतिद्वंद्वी को फाइनल में पराजित कर अपना बदला चुकता कर लिया है.
भारत की चौथी एशिया कप ट्रॉफी
इस जीत के साथ भारत ने चौथी बार हॉकी एशिया कप का खिताब अपने नाम किया. इससे पहले भारत ने 2003, 2007 और 2017 में यह टूर्नामेंट जीता था. 2025 की जीत न केवल रिकॉर्ड में एक और खिताब जोड़ती है, बल्कि भारतीय हॉकी के वर्तमान युग को एक बार फिर वैश्विक फोकस में ले आती है.
मैच का विवरण: शुरू से अंत तक भारत का दबदबा
पहला क्वार्टर
मैच की शुरुआत से ही भारतीय टीम ने आक्रामक तेवर दिखाए. पहले ही क्वार्टर में सुखजीत सिंह ने शानदार गोल करते हुए भारत को शुरुआती बढ़त दिला दी. इसी क्वार्टर में भारत को एक पेनल्टी स्ट्रोक भी मिला, लेकिन उसे गोल में तब्दील नहीं किया जा सका. हालांकि, दबाव बनाए रखने में टीम पूरी तरह सफल रही.
दूसरा क्वार्टर
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत थोड़ी चुनौतीपूर्ण रही क्योंकि जुगराज सिंह को दो मिनट के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. भारतीय टीम मैदान पर सिर्फ 10 खिलाड़ियों के साथ थी, लेकिन इसके बावजूद कोरियाई आक्रमण को सफलतापूर्वक रोका गया. इस क्वार्टर में दिलप्रीत सिंह ने शानदार फिनिश के साथ दूसरा गोल दागा और भारत को 2-0 की मजबूत बढ़त दिलाई.
तीसरा क्वार्टर
दक्षिण कोरिया ने तीसरे क्वार्टर में रणनीति बदलते हुए आक्रामक रुख अपनाया, लेकिन उनके हर प्रयास को भारतीय डिफेंस ने नाकाम किया. इस दौरान दिलप्रीत सिंह ने अपना दूसरा गोल करके स्कोर को 3-0 कर दिया और टीम इंडिया की जीत को लगभग पक्का कर दिया.
चौथा क्वार्टर
अंतिम क्वार्टर में भी भारत का जोश बरकरार रहा. सीनियर खिलाड़ी अमित रोहिदास ने भारत के लिए चौथा गोल कर स्कोर को 4-0 कर दिया. हालांकि, कोरियाई टीम मैच के अंतिम क्षणों में एक गोल करने में सफल रही, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. मुकाबला भारत ने 4-1 से अपने नाम किया.
युवा और अनुभव का बेहतरीन मेल
12 साल बाद बदला पूरा हुआ
यह जीत भारत के लिए सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि 2013 के फाइनल की हार का जवाब भी थी. उस साल दक्षिण कोरिया ने भारत को बेहद रोमांचक फाइनल में 4-3 से हराया था, जिससे भारतीय खेमे में गहरी निराशा छा गई थी. अब 2025 में भारतीय टीम ने न सिर्फ खिताब जीता, बल्कि उसी प्रतिद्वंद्वी को बड़े अंतर से हराकर खेल भावना और दृढ़ संकल्प की मिसाल पेश की.
एशिया कप पर भारत-कोरिया का वर्चस्व
हॉकी एशिया कप के पिछले तीन दशकों के इतिहास पर नज़र डालें तो यह स्पष्ट होता है कि भारत और दक्षिण कोरिया का टूर्नामेंट पर वर्चस्व कायम है.
पिछले 9 टूर्नामेंट्स में:
यह जीत दर्शाती है कि भारतीय हॉकी ने फिर से खुद को एशिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित कर लिया है.
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