तुर्किए और रूस के बीच हुए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम सौदे को लेकर अब भारत का नाम भी अचानक चर्चाओं में आ गया है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तुर्किए की ओर से रूस को S-400 सिस्टम लौटाने की संभावना पर विचार हो रहा है. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या रूस इसे भारत को ट्रांसफर कर सकता है?
बता दें, भारत ने 2018 में रूस से 5 यूनिट S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का समझौता किया था, जिनमें से तीन यूनिट भारत को मिल चुकी हैं, लेकिन बाकी दो यूनिट की डिलीवरी यूक्रेन युद्ध के चलते रुकी हुई है.
क्या वाकई तुर्किए S-400 को बेच सकता है?
मुद्दा तब गरमाया जब तुर्किए के एक मीडिया हाउस Nefes Gazetesi ने यह रिपोर्ट छापी कि रूस ने तुर्किए को S-400 सिस्टम वापस लेने का प्रस्ताव दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर तुर्किए इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो रूस इस सिस्टम को किसी तीसरे देश को भेज सकता है और इस संदर्भ में भारत का नाम उछला है.
खास बात यह है कि यह रिपोर्ट ऐसे वक्त आई है जब भारत को बाकी S-400 सिस्टम की डिलीवरी का इंतज़ार है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अगर रूस इन मिसाइलों को अपग्रेड करता है, तो वह उन्हें भारत भेज सकता है. हालांकि, इस रिपोर्ट पर अभी तक रूस या तुर्किए की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. वहीं, तुर्किए के रक्षा मंत्री यासर गुलर ने मई 2024 में साफ कहा था कि उनका देश S-400 को किसी अन्य देश को बेचने का इरादा नहीं रखता.
अमेरिका से नाराजगी, F-35 डील पर असर
तुर्किए ने जब रूस से 2.5 अरब डॉलर में S-400 खरीदे थे, तो अमेरिका ने नाराजगी जताते हुए F-35 फाइटर जेट प्रोग्राम से तुर्किए को बाहर कर दिया था. इसके बाद से तुर्किए और अमेरिका के रिश्तों में खटास आ गई. कई रिपोर्टों में कहा गया कि तुर्की सरकार अब S-400 को लेकर नरमी दिखा सकती है, ताकि अमेरिका के साथ अपने सैन्य संबंध दोबारा सुधार सके.
भारत के लिए क्या मायने रखती है यह संभावना?
भारत ने S-400 को अपने ‘सुदर्शन चक्र’ नाम से वायु सुरक्षा के लिए शामिल किया है. यह डिफेंस सिस्टम 400 किमी तक की रेंज में एक साथ 80 टारगेट ट्रैक कर सकता है और किसी भी मिसाइल या लड़ाकू विमान को हवा में ही मार गिराने में सक्षम है. भारत की जरूरत के अनुसार, रूस से मिले S-400 सिस्टम का वर्जन सबसे एडवांस्ड है. भारत को जो दो सिस्टम अब तक नहीं मिल पाए हैं, उनकी आपूर्ति कब और कैसे होगी, इस पर फिलहाल अनिश्चितता बनी हुई है. ऐसे में अगर तुर्किए का S-400 रूस को वापस जाता है और वह भारत को ट्रांसफर किया जाता है, तो यह भारत के लिए बड़ा सामरिक लाभ हो सकता है
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