हमास के ठिकानों को निशाना बनाने के उद्देश्य से कतर की राजधानी दोहा में इज़राइल द्वारा किया गया हमला, अब उसके लिए कूटनीतिक मोर्चे पर भारी पड़ता दिख रहा है. इस कार्रवाई के बाद न सिर्फ कतर बल्कि दर्जनों मुस्लिम देश इज़राइल के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने इस हमले को ‘गंभीर उकसावा’ करार देते हुए कड़े नतीजों की चेतावनी दी है.
रविवार को दोहा में बुलाई गई आपातकालीन बैठक में शेख मोहम्मद ने साफ शब्दों में कहा कि यदि इज़राइल ने इस तरह की कार्रवाई जारी रखी, तो उसका क्षेत्रीय परिणाम भुगतना तय है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दोहरे मानदंड अपनाने की नीति को खत्म करने की अपील भी की.
इज़राइल के खिलाफ मुसलमान देशों की बड़ी बैठक आज
सोमवार को दोहा में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण इस्लामिक शिखर बैठक बुलाई गई है, जिसमें लगभग 50 मुस्लिम देश हिस्सा ले सकते हैं. बैठक में खाड़ी और मध्य पूर्व की मौजूदा स्थिति, विशेषकर इज़राइल के हालिया हमलों पर सामूहिक रुख तैयार करने की चर्चा होगी. सूत्रों की मानें तो इस बैठक में शामिल देश इज़राइल के खिलाफ कठोर सामूहिक कार्रवाई पर निर्णय ले सकते हैं. यह सम्मेलन क्षेत्रीय एकता का प्रतीक भी हो सकता है और इज़राइल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने का मंच भी.
हमले ने भड़काया गुस्सा, नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं
इस बैठक में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के शामिल होने की संभावना है. अब्बास रविवार को ही दोहा पहुंच चुके हैं. बैठक में एक मसौदा प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा, जिसमें इज़राइल के इस कदम को "राजकीय आतंकवाद" करार दिए जाने की तैयारी है. कतर के प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि इज़राइली हमले ने पूरे क्षेत्र को अस्थिरता के मुहाने पर ला खड़ा किया है.
इज़राइल की सफाई – हमास के ठिकानों पर हमला था, कतर निशाने पर नहीं
इज़राइली सरकार ने इन हमलों को लेकर सफाई दी है कि उनका उद्देश्य सिर्फ हमास नेतृत्व को निशाना बनाना था, न कि कतर को. अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल ने तब हमला किया जब हमास के शीर्ष नेता दोहा स्थित दफ्तर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम योजना पर चर्चा कर रहे थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में हमास के 5 सदस्य और एक कतरी सुरक्षा अधिकारी मारे गए.
ट्रंप के प्रस्ताव और इज़राइली हमले के बीच गहरा संबंध?
कुछ घंटे पहले ही इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने दावा किया था कि इज़राइल ट्रंप के प्रस्ताव को स्वीकार कर चुका है, जिसके तहत ग़ाज़ा में हमास के कब्जे में रखे गए 48 बंधकों की रिहाई के बदले में फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाएगा और युद्धविराम की प्रक्रिया शुरू होगी. लेकिन उसी दिन दोहा में हुआ हमला इस कथित सहमति पर सवाल खड़े कर रहा है.
यह भी पढ़ें: नहीं झुकूंगा-नहीं झुकूंगा! सड़कों पर लाखों लोग...बर्दाश्त नहीं करेंगे, पॉलिसी पर मचा बवाल बोले PM स्टार्मर