जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर कश्मीर की घाटी को दहला दिया है. पर्यटकों से भरी बैसरन घाटी में अज्ञात हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें अब तक 27 लोगों की मौत और 20 से ज्यादा के घायल होने की पुष्टि हो चुकी है. मृतकों में भारत के अलग-अलग राज्यों के नागरिकों के साथ-साथ नेपाल और यूएई के दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
हमले के मास्टरमाइंड की पहचान हुई
इस भीषण आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)' ने ली है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इस हमले के पीछे सैफुल्लाह खालिद नामक आतंकी का नाम सामने आ रहा है, जिसे TRF का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ बताया जा रहा है.
सैफुल्लाह खालिद उर्फ सैफुल्लाह कसूरी, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट का निवासी है. वह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है और लंबे समय से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को ऑपरेट कर रहा है.
सैफुल्लाह का भड़काऊ भाषण आया सामने
मार्च 2025 में दिए गए सैफुल्लाह के एक भाषण का वीडियो अब वायरल हो रहा है, जिसमें वह पाकिस्तान सरकार को कश्मीर मुद्दे पर निष्क्रिय रहने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है. उसने सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि कश्मीर पर ध्यान नहीं दिया गया, तो बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा जैसे इलाकों में भी अशांति फैल सकती है.
भाषण में सैफुल्लाह ने यह भी कहा था, "तुम कश्मीर को ठंडा करोगे, तो दुश्मन बलूचिस्तान को गर्म करेगा... तुम्हारी मस्जिदें, मदरसे और दर्सगाहें भी सुरक्षित नहीं रहेंगी."
उसने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को भारत द्वारा ‘जुल्म’ बताया और पाकिस्तान सरकार पर इसके खिलाफ कोई ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया.
TRF: 370 हटने के बाद उभरा नया चेहरा
TRF की स्थापना 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुई थी. शुरू में इसे लश्कर की ऑनलाइन शाखा माना गया, लेकिन जल्द ही यह तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद जैसे संगठनों के साथ मिलकर एक पूरी तरह संगठित आतंकी संगठन बन गया.
भारत सरकार ने 2023 में TRF को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था और इसे गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, जिनमें शामिल हैं:
पहलगाम हमले के संदिग्धों की तस्वीरें वायरल
घटना के बाद से सोशल मीडिया पर चार संदिग्ध आतंकियों की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिन्हें इस हमले में शामिल माना जा रहा है. हालांकि, अब तक सुरक्षा एजेंसियों ने इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन संदिग्धों के स्केच जारी किए जा चुके हैं.
पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा और भयावह माना जा रहा है. पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 CRPF जवान शहीद हुए थे और इसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
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