भारत खरीदेगा और इजरायली 'हेरॉन' ड्रोन, एंटी-टैंक मिसाइलों से होगा लैस, चीन-पाकिस्तान की बढ़ी टेंशन!

    भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में जो ताकत और तकनीक देखने को मिली, उसने न सिर्फ पाकिस्तान को हैरान किया बल्कि भारत की सैन्य क्षमताओं पर फिर से दुनिया का ध्यान खींचा.

    India to buy Israeli Heron drones equipped with anti-tank missiles
    Image Source: Social Media

    भारत की सुरक्षा रणनीति दिनों-दिन और सशक्त होती जा रही है. हाल ही में भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में जो ताकत और तकनीक देखने को मिली, उसने न सिर्फ पाकिस्तान को हैरान किया बल्कि भारत की सैन्य क्षमताओं पर फिर से दुनिया का ध्यान खींचा. अब खबर आ रही है कि भारतीय सेना एक बार फिर से इजरायल के हेरॉन ड्रोन खरीदने जा रही है और इस बार ये ड्रोन पहले से कहीं ज्यादा घातक होंगे.

    ये ड्रोन अब केवल दुश्मनों की निगरानी के लिए नहीं बल्कि उन्हें सटीक और दूर से मार गिराने के लिए भी इस्तेमाल किए जाएंगे. आइए विस्तार से जानते हैं कि भारत की यह नई तैयारी कितनी अहम है और इससे भारत की सैन्य शक्ति को क्या फायदे होंगे.

    ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की बेचैनी

    मई 2025 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बेहद गोपनीय और रणनीतिक ऑपरेशन अंजाम दिया था, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया. इस मिशन में हेरॉन ड्रोन का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया, जिसमें पाकिस्तान के लाहौर रडार सिस्टम को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया. यह मिशन इतनी सफाई और तकनीकी दक्षता से पूरा किया गया कि पाकिस्तान को संभलने का मौका तक नहीं मिला.

    इस सफलता के बाद भारतीय सेना ने तय किया है कि वह इन हेरॉन ड्रोन की संख्या में और इजाफा करेगी और उन्हें आधुनिक हथियारों से भी लैस किया जाएगा, जिससे भविष्य में जरूरत पड़ने पर सीधे दुश्मन के अड्डों पर हमला किया जा सके.

    अब और ज्यादा ताकतवर होंगे हेरॉन ड्रोन

    हेरॉन ड्रोन पहले से ही भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा निगरानी और खुफिया जानकारी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं. लेकिन अब इन्हें केवल "आंखें" नहीं, बल्कि "हथियार" भी बनाया जा रहा है. भारत इन्हें इजरायली स्पाइक-NLOS (नॉन-लाइन-ऑफ-साइट) एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

    यह मिसाइलें बिना सीधी नजर के भी दुश्मन को खोजकर निशाना बना सकती हैं. यानी ड्रोन दुश्मन के इलाके में घुसे बिना ही अपने लक्ष्य को खत्म कर सकता है. यह तकनीक भारत को पाकिस्तान और चीन दोनों के सामने एक रणनीतिक बढ़त देती है.

    चीन-पाकिस्तान दोनों पर रहेगी पैनी नजर

    हेरॉन ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये बेहद ऊंचाई पर बहुत लंबे समय तक उड़ान भर सकते हैं और हर मौसम में काम कर सकते हैं. भारतीय सीमाओं पर बदलते हालात को देखते हुए, खासतौर से पाकिस्तान और चीन की गतिविधियों को लेकर, इन ड्रोन की भूमिका बेहद अहम हो जाती है.

    ये ड्रोन बिना पायलट के दुश्मन की हर हलचल पर नजर रखते हैं, और अब जब इनमें मिसाइल भी लगाई जा रही है, तो यह दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी बन चुके हैं. भारत की यह तैयारी स्पष्ट संदेश देती है- हम सिर्फ देखेंगे नहीं, जरूरत पड़ी तो सीधे वार भी करेंगे.

    प्रोजेक्ट चीता: हेरॉन की नई उड़ान

    भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय पिछले कुछ वर्षों से ‘प्रोजेक्ट चीता’ पर काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य हेरॉन ड्रोन की क्षमता को और ज्यादा बढ़ाना है. इस प्रोजेक्ट के तहत भारतीय हेरॉन ड्रोन को अपग्रेड किया जा रहा है, जिनमें अब सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम (SATCOM) भी शामिल है.

    इससे ये ड्रोन अब हजारों किलोमीटर दूर से भी ऑपरेट किए जा सकते हैं, और दुश्मन की जमीन पर लंबी दूरी तक निगरानी कर सकते हैं. हेरॉन मार्क-2 ड्रोन इस दिशा में एक बड़ी छलांग हैं, जिनकी खरीद हाल के वर्षों में की गई है. यह भारतीय सेना की दूरदृष्टि और टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की मिसाल है.

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