भारत ने पहली बार ट्रेन से दागी मिसाइल, 2000 KM रेंज वाली अग्नि प्राइम का किया सफल परीक्षण, देखें Video

    भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए गुरुवार को ‘अग्नि-प्राइम’ मिसाइल का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया.

    India successfully test-fires Agni Prime from a rail-based launcher
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    Agni-Prime Missile: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए गुरुवार को ‘अग्नि-प्राइम’ मिसाइल का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया. इस बार खास बात यह रही कि मिसाइल को रेलवे प्लेटफॉर्म पर तैयार किए गए विशेष मोबाइल लॉन्चर से दागा गया, जिससे भारत की रणनीतिक ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ है. अग्नि प्राइम मिसाइल की रेंज करीब 2000 किलोमीटर है, और यह मिशन पूरी तरह सफल रहा.

    रेलवे नेटवर्क से लॉन्चिंग: क्यों है ये बड़ा कदम

    इस परीक्षण की अहमियत इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि भारत अब अग्नि प्राइम जैसी अत्याधुनिक मिसाइलों को देश के विशाल रेल नेटवर्क की मदद से कहीं से भी लॉन्च कर सकता है. यानी अगर जरूरत पड़ी तो ये मिसाइल भारत के किसी भी हिस्से से तुरंत दागी जा सकती है. यह लचीलापन युद्ध जैसी स्थितियों में दुश्मन के रडार से बचाव और तेजी से प्रतिक्रिया की क्षमता देता है.

    भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इस परीक्षण को ओडिशा के एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से अंजाम दिया. यह पहली बार है जब अग्नि-प्राइम को मोबाइल रेल लॉन्चर से "ऑन-द-मूव" दागा गया, यानी लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म को पहले से तय स्थान पर रोकने की जरूरत नहीं पड़ी.

    मिसाइल की खासियतें: तकनीक और ताकत

    अग्नि-प्राइम मिसाइल, भारत की पारंपरिक अग्नि सीरीज का उन्नत और नई पीढ़ी का संस्करण है. यह मिसाइल पूरी तरह से कैनिस्टर-आधारित प्रणाली पर काम करती है, यानी इसे बंद डिब्बे (cylindrical container) में संग्रहित कर कहीं भी ले जाया जा सकता है और वहां से तुरंत लॉन्च किया जा सकता है.

    इस मिसाइल में शामिल हैं:

    • 2000 किलोमीटर तक मारक क्षमता
    • सॉलिड फ्यूल टेक्नोलॉजी जिससे मिसाइल हल्की, तेज और कम समय में लॉन्च के लिए तैयार रहती है
    • सटीक गाइडेंस सिस्टम जिससे निशाना कभी चूकता नहीं
    • परमाणु और पारंपरिक हथियारों को ले जाने की क्षमता
    • कम विजिबिलिटी और तेज प्रतिक्रिया क्षमता, जो दुश्मन के लिए इसे ट्रैक करना कठिन बना देती है
    • इसका हल्का वज़न और उन्नत एरोडायनामिक्स इसे पहले की मिसाइलों की तुलना में और अधिक प्रभावशाली और मोबाईल बनाता है.

    DRDO और सशस्त्र बलों की साझेदारी

    इस सफल परीक्षण के पीछे DRDO, स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) और भारतीय सशस्त्र बलों का संयुक्त प्रयास है. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर वैज्ञानिकों और सेना के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह परीक्षण भारत को उन गिने-चुने देशों की सूची में शामिल करता है, जिनके पास रेल-बेस्ड मोबाइल कैनिस्टर लॉन्च सिस्टम है.

    रणनीतिक दृष्टि से क्या बदल गया है?

    रेलवे से मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता भारत की स्ट्रैटेजिक मोबिलिटी को एक नया आयाम देती है. यह केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि सुरक्षा नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है. अब भारत सीमावर्ती या संवेदनशील क्षेत्रों में बिना समय गंवाए मिसाइल तैनात कर सकता है और किसी भी खतरे का तत्काल जवाब देने में सक्षम है.

    • मिसाइल सिस्टम का कैमोफ्लाज (छुपाव) बेहतर हुआ है
    • किसी भी क्षेत्र में तेजी से तैनाती मुमकिन
    • दुश्मन की सैटेलाइट निगरानी को मात देने की क्षमता बढ़ी
    • युद्ध की स्थिति में फर्स्ट मूवर एडवांटेज मिल सकता है

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