Modi Putin Meeting: चीन के तियानजिन शहर में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई. इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-रूस के मजबूत रिश्तों, वैश्विक चुनौतियों और खासकर यूक्रेन संकट पर विस्तार से चर्चा की.
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी पुतिन से मुलाकातें हमेशा यादगार होती हैं और दोनों देश नियमित रूप से उच्च-स्तरीय बैठकों के जरिए संपर्क में रहते हैं. उन्होंने बताया कि भारत में 140 करोड़ लोग दिसंबर 2025 में होने वाले 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो दोनों देशों की खास साझेदारी की गहराई दर्शाता है.
Sharing my remarks during meeting with President Putin. https://t.co/PADOdRjsBs
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
कठिन समय में एक-दूसरे का साथ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और रूस ने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया है, चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों. हमारा यह सहयोग न सिर्फ हमारे देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी अहम है.”
यूक्रेन संकट पर भारत की चिंता
मोदी ने यूक्रेन युद्ध के विषय को भी उठाया और शांति प्रयासों का स्वागत किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी पक्ष रचनात्मक भूमिका निभाएंगे और जल्द से जल्द इस संघर्ष का समाधान निकाल कर स्थायी शांति स्थापित होगी. यह बयान भारत की वैश्विक शांति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
पुतिन का दोस्ताना जवाब
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को अपना करीबी दोस्त बताया और कहा कि भारत रूस का महत्वपूर्ण और भरोसेमंद साझेदार है. उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों की लगातार बढ़ती मजबूती पर गर्व जताया.
वैश्विक राजनीति पर प्रभाव
यह बैठक भारत-रूस के सामरिक और कूटनीतिक सहयोग को और मजबूत करेगी, जो वैश्विक स्तर पर स्थिरता और संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है. यूक्रेन संकट और वैश्विक तनाव के बीच यह साझेदारी एक मजबूत संदेश है कि सहयोग से ही स्थायी समाधान संभव है.
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