'ऐसी गीदड़भभकियों से तो हम डरते भी नहीं...' पाकिस्तान की धमकियों का भारत ने दिया जवाब, देखें वीडियो

    पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सिंधु जल संधि को बहाल नहीं किया गया, तो पाकिस्तान "सभी छह नदियों" पर दावा करेगा और "युद्ध से भी पीछे नहीं हटेगा".

    India responded to Pakistans threats on Indus Water Treaty
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली / इस्लामाबाद: सिंधु जल संधि को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सिंधु जल संधि को बहाल नहीं किया गया, तो पाकिस्तान "सभी छह नदियों" पर दावा करेगा और "युद्ध से भी पीछे नहीं हटेगा".

    इस पर भारत की ओर से एक संक्षिप्त लेकिन सख्त प्रतिक्रिया सामने आई है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा, "पानी कहीं नहीं जाएगा. बाकी जो बोलना है, वे बोलते रहें."

    पृष्ठभूमि: क्यों बढ़ा विवाद

    22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर पांच बड़े फैसले लिए, जिनमें से एक था सिंधु जल संधि को निलंबित करना. यह संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई थी, जिसके तहत सिंधु प्रणाली की छह नदियों का जल वितरण सुनिश्चित किया गया.

    भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया तीखी रही है, और विशेष रूप से बिलावल भुट्टो जरदारी ने लगातार सार्वजनिक मंचों से इस विषय को उठाया है.

    बिलावल की तीखी भाषा, भारत की संयमित प्रतिक्रिया

    बिलावल ने मंगलवार को एक भाषण में कहा, "भारत अगर सिंधु जल संधि को नहीं मानता है, तो पाकिस्तान सभी छह नदियों से पानी लेगा. भारत या तो संधि को लागू करे या फिर युद्ध के लिए तैयार हो जाए."

    इससे पहले भी उन्होंने विवादास्पद बयान देते हुए कहा था, "या तो इस पानी में मेरा खून बहेगा या पाकिस्तान का हक़ का पानी बहेगा."

    इस पर केंद्रीय मंत्री पाटिल ने शांतिपूर्ण लेकिन स्पष्ट अंदाज़ में जवाब दिया, "ऐसी धमकियों से हम डरते नहीं हैं. जो कहना है, वे कहते रहें. लेकिन हर चीज़ का जवाब समय पर दिया जाता है."

    सीआर पाटिल ने कहा, "मैं आपको एक लाइन में इतना कह सकता हूं कि पानी कहीं नहीं जाएगा. बाकी बिलावल भुट्टो जरदारी क्या कहते हैं, ये उनका प्रश्न है. उनको अपनी पॉलिटिक्स वहां करनी है तो वो कहते रहें, जो कहना है. उन्होंने तो धमकियां भी दी थीं कि पानी नहीं बहेगा तो खून बहेगा, वो भी आपने सुना होगा. ऐसी गीदड़भभकियों से तो हम डरते भी नहीं हैं. मगर कुछ बातें समय पर ही अच्छी लगती हैं इसलिए उसका जवाब समय पर ही देना उचित है."

    अमित शाह ने भी दिया था संकेत

    पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संकेत दिया था कि सिंधु जल समझौता अब भारत की सुरक्षा और हितों के अनुरूप नहीं रहा, और इसे बहाल नहीं किया जाएगा.

    भारत का यह रुख जम्मू-कश्मीर और सीमावर्ती क्षेत्रों में बार-बार हो रहे आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में सामने आया है, जिनका आरोप भारत पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठनों पर लगाता रहा है.

    राजनयिक नजरिया और भविष्य की दिशा

    सिंधु जल समझौता अब तक भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बावजूद एक स्थायी जल सहयोग मॉडल माना जाता रहा है. लेकिन बदलते भू-राजनीतिक हालात और क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं ने इस समझौते की प्रासंगिकता पर सवाल खड़े किए हैं.

    विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के लिए यह आवश्यक होगा कि जल संसाधनों से जुड़ी किसी भी रणनीति को अंतरराष्ट्रीय कानूनों, पारदर्शिता और संवाद के ज़रिए हल किया जाए, ताकि यह मुद्दा किसी बड़े टकराव की वजह न बने.

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