'झूठ के सहारे बचेगा नहीं PAK...', इस्लामाबाद में हुए हमले पर PAK ने भारत पर लगाए बेबुनियाद आरोप

    इस्लामाबाद में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तान की सियासत ने झूठ का सहारा लिया है. मंगलवार को अदालत परिसर के बाहर हुए आत्मघाती हमले की ज़िम्मेदारी जहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने खुद ली, वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिना सबूत भारत पर आरोप मढ़कर एक बार फिर अपने ही देश की नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश की.

    India rejects pakistan allegation over islamabad attack
    Image Source: ANI

    इस्लामाबाद में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तान की सियासत ने झूठ का सहारा लिया है. मंगलवार को अदालत परिसर के बाहर हुए आत्मघाती हमले की ज़िम्मेदारी जहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने खुद ली, वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिना सबूत भारत पर आरोप मढ़कर एक बार फिर अपने ही देश की नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश की. हालांकि, भारत ने इस झूठे प्रोपेगेंडा का करारा जवाब देते हुए साफ कर दिया कि पाकिस्तान की सच्चाई अब किसी से छिपी नहीं है.

    मंगलवार दोपहर इस्लामाबाद के जी-11 इलाके में स्थित एक अदालत के बाहर तब अफरातफरी मच गई जब एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया. यह हमला दोपहर करीब साढ़े 12 बजे हुआ. विस्फोट इतना भीषण था कि पास खड़े पुलिस वाहन सहित कई लोग इसकी चपेट में आ गए. इस हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई जबकि 27 से अधिक घायल हुए. पुलिस सूत्रों के अनुसार, हमलावर अदालत परिसर के भीतर घुसने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण वह गेट से आगे नहीं बढ़ सका और उसने वहीं खुद को उड़ा लिया. कुछ घंटों बाद ही आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, जिससे स्पष्ट हो गया कि यह हमला पूरी तरह पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा विफलता का परिणाम था.

    शहबाज शरीफ का भारत-विरोधी नैरेटिव

    इस्लामाबाद की इस त्रासदी के तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर पुराने रटे-रटाए आरोपों का सहारा लिया. पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी (APP) के अनुसार, शरीफ ने दावा किया कि यह हमला भारत द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि "भारत पाकिस्तान को अस्थिर करने की साजिश कर रहा है और अफगानिस्तान की धरती से भारत की मदद से आतंकवादी हमले करवाए जा रहे हैं."
    शरीफ के इस बयान को पाकिस्तान के भीतर भी कई विश्लेषकों ने गैर-जिम्मेदाराना बताया, क्योंकि आतंकी संगठन की जिम्मेदारी लेने के बाद भी भारत पर आरोप लगाना पाकिस्तान की विफलताओं से ध्यान हटाने का प्रयास माना जा रहा है.

     झूठ के सहारे नहीं बचेगा पाकिस्तान

    भारत ने शहबाज शरीफ के इन मनगढ़ंत आरोपों पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी कर कहा कि भारत इन झूठे और निराधार आरोपों को पूरी तरह खारिज करता है. उन्होंने कहा “भारत, भ्रम में जी रहे पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा लगाए गए इन निराधार आरोपों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है. पाकिस्तान अपने ही देश में चल रही संवैधानिक अराजकता, सैन्य दखल और सत्ता संघर्ष से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भारत के खिलाफ झूठे नैरेटिव गढ़ रहा है.”रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि पाकिस्तान की हताशा साफ झलक रही है. जब अपने देश की जनता सवाल पूछने लगती है, तो वहां के नेता भारत को दोषी ठहराकर मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा कि “अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की वास्तविकता को भली-भांति जानता है और ऐसे हताशापूर्ण दावों से गुमराह नहीं होगा.”

    भारत के सामने उजागर हुआ पाकिस्तान का दोहरा चेहरा

    यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने अपने ही घर में हुए आतंकी हमले का ठीकरा भारत पर फोड़ा हो. इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान के नेता और सेना अपने देश की विफलताओं को छिपाने के लिए भारत के खिलाफ झूठे बयान देते रहे हैं. लेकिन हर बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सच्चाई सामने आती रही है कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का पोषक रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि शरीफ सरकार की यह बयानबाजी न केवल देश की छवि को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पाकिस्तान अपने ही लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं है.

    सच्चाई से न भाग सकेगा पाकिस्तान

    भारत के कड़े जवाब ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद के मुद्दे पर अब पाकिस्तान की “पीड़ित” वाली छवि दुनिया में नहीं बिकती. तहरीक-ए-तालिबान जैसे आतंकी संगठनों का पुनरुत्थान पाकिस्तान की नीतिगत असफलताओं का परिणाम है, और इस सच्चाई से मुंह मोड़ना अब नामुमकिन है.

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