ना पेटीएम चलेगा, ना इंस्टाग्राम पर रील्स... 'ब्लैकआउट' में किन परेशानियों से होगा सामना? अभी जान लीजिए

    Mock Drill: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र देशभर में सतर्कता के स्तर को बढ़ाया गया है. इसी के तहत गृह मंत्रालय ने एक अहम कदम उठाते हुए 8 मई, बुधवार को देश के 244 जिलों में व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला लिया है.

    India Pakistan War Tensions know what to do or not during mock drill
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    Mock Drill: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र देशभर में सतर्कता के स्तर को बढ़ाया गया है. इसी के तहत गृह मंत्रालय ने एक अहम कदम उठाते हुए 8 मई, बुधवार को देश के 244 जिलों में व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला लिया है. इस अभ्यास का मकसद नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों, विशेष रूप से हवाई हमलों, से निपटने के लिए तैयार करना है.

    ड्रिल में क्या-क्या शामिल होगा?

    ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी के रूप में सायरन बजाए जाएंगे, और शहरों में कुछ समय के लिए बिजली सप्लाई बंद कर ब्लैकआउट स्थिति बनाई जाएगी, ताकि नागरिक वास्तविक हालात का अनुभव कर सकें. साथ ही, महत्वपूर्ण संस्थानों जैसे सैन्य ठिकानों, पावर प्लांट्स आदि की सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण भी किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी निकासी योजनाओं की समीक्षा और अद्यतन करें, और यह सुनिश्चित करें कि पूर्वाभ्यास कुशलतापूर्वक हो.

    मॉक ड्रिल का मुख्य फोकस:

    • एयर रेड सायरन के संकेतों को समझना और उस पर प्रतिक्रिया देना
    • ब्लैकआउट के दौरान व्यवहार कैसे हो
    • आपातकाल में आवश्यक सामान तैयार रखना (टॉर्च, मोमबत्ती, नकद)
    • प्राथमिक उपचार (First Aid) का अभ्यास
    • सुरक्षित स्थानों की पहचान और त्वरित पहुंच
    • क्‍या करें और क्या न करें?

    क्या करें:

    • सायरन सुनते ही तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं
    • लाइट बंद करें और दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें
    • टीवी या रेडियो के जरिए निर्देशों पर नजर रखें
    • आवश्यक वस्तुएं जैसे टॉर्च, बैटरी और नकदी पहले से तैयार रखें

    क्या न करें:

    • खिड़की के पास खड़े न हों
    • हवाई चेतावनी के समय बाहर न निकलें
    • तब तक सुरक्षित स्थान न छोड़ें जब तक आधिकारिक निर्देश न मिले
    • पूर्व तैयारी के लिए हुई उच्च स्तरीय बैठक

    ड्रिल से पहले गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कर पूरी रणनीति की समीक्षा की. इस बैठक में लोगों को जागरूक करने, प्रशिक्षित करने और योजनाओं के समन्वय पर विशेष जोर दिया गया.
     

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