अब बांग्लादेश से कौन सा इश्क लड़ा रहे पाकिस्तानी मंत्री इशााक डार? फोन मिलाकर लगाई बचाओ-बचाओ की गुहार

    Ishaq Dar Talk To Tauhid Hossain: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा दिखाई गई सख्ती से पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है. इस बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने कूटनीतिक समर्थन जुटाने की कोशिशें तेज कर दी हैं.

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    Ishaq Dar Talk To Tauhid Hossain: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा दिखाई गई सख्ती से पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है. इस बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने कूटनीतिक समर्थन जुटाने की कोशिशें तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने सोमवार, 5 मई को बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से टेलीफोन पर बातचीत की.

    संयम की अपील, तनाव घटाने पर ज़ोर

    ढाका स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के मुताबिक, इस बातचीत में तौहीद हुसैन ने क्षेत्रीय हालात पर चिंता जताई और सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए चुनौती बन सकती हैं और क्षेत्रीय तनाव को कम करना अब प्राथमिकता होनी चाहिए.

    भारत पर लगाए आरोप, बांग्लादेश को सुनाई अपनी 'पीड़ा'

    पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इशाक डार ने भारत पर निराधार आरोप लगाने और एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाया, जिनमें सिंधु जल संधि के कुछ प्रावधानों को निलंबित करना भी शामिल है. उन्होंने दावा किया कि इन कदमों से क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही है.

    ढाका यात्रा टली, हमले के बाद बिगड़ा माहौल

    उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच अप्रैल में ढाका की यात्रा पर गई थीं, जिसके दौरान इशाक डार की 27 अप्रैल को प्रस्तावित बांग्लादेश यात्रा की योजना बनाई गई थी. लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, के बाद भारत-पाक रिश्तों में तल्खी बढ़ गई. नतीजतन, इशाक डार की यात्रा रद्द कर दी गई.

    UNSC बैठक में फेल 

    वहीं इस तनाव को सुलझाने के लिए पाकिस्तान ने UNSC की बैठक बुलवाई थी. लेकिन यह बैठक में उसकी चाल पूरी तरह उल्टी पड़ गई. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बुलाई गई क्लोज-डोर मीटिंग में पाकिस्तान की योजना थी भारत पर आरोप लगाकर अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति हासिल करने की, लेकिन उल्टा उसे कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी.