नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है और अब यह अगले कुछ महीनों में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) द्वारा जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के अनुसार, यदि भारत की GDP मौजूदा गति से आगे बढ़ती रही, तो दिसंबर 2025 तक यह उपलब्धि हासिल हो सकती है.
वर्तमान स्थिति और आगे का अनुमान
अभी भारत की GDP लगभग 4.3 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि जापान की GDP 4.4 ट्रिलियन डॉलर पर है. अंतर बहुत कम है और IMF के अनुसार भारत इस अंतर को जल्द ही पार कर सकता है.
अग्रिम अनुमानों में यह भी कहा गया है कि यदि मौजूदा विकास दर बनी रही तो भारत 2028 तक जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा, जो वर्तमान में लगभग 4.9 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ तीसरे स्थान पर है.
तेज विकास दर बनी मुख्य ताकत
पिछले एक दशक में भारत की अर्थव्यवस्था ने 105% की वृद्धि दर्ज की है — जो किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में सबसे तेज़ है. वर्ष 2015 में भारत की GDP जहां 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी, वहीं 2024 में यह दोगुनी से अधिक हो चुकी है.
इस ग्रोथ के पीछे मजबूत कंजम्प्शन, निजी निवेश में बढ़ोतरी, सार्वजनिक व्यय और तकनीकी नवाचार जैसे कारक हैं.
यदि यही रफ्तार जारी रही, तो भारत 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. अनुमान है कि अब हर 18 महीनों में भारत की इकोनॉमी में औसतन 1 ट्रिलियन डॉलर जुड़ सकता है.
अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से तुलना
भारत ने आर्थिक प्रदर्शन के मामले में कई विकसित देशों को पीछे छोड़ा है:
चीन: पिछले दशक में GDP वृद्धि ~76%
अमेरिका: ~66%
जर्मनी: ~44%
फ्रांस: ~38%
यूके: ~28%
भारत की तेज ग्रोथ इन देशों की तुलना में अधिक सशक्त दिखाई देती है, विशेषकर वर्तमान वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच.
कर्ज के मामले में भारत की स्थिति संतुलित
हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था अब दुनिया की शीर्ष पांच में शामिल है, फिर भी कर्ज के मामले में इसकी स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर है:
अमेरिका: $36.22 ट्रिलियन
चीन: $2.52 ट्रिलियन
भारत: $712 बिलियन
भारत का सार्वजनिक कर्ज सकल GDP के अनुपात में नियंत्रित दायरे में है, जिससे उसे आगे की ग्रोथ के लिए लचीलापन मिलता है.
GDP: समझने योग्य भाषा में
GDP (Gross Domestic Product) किसी देश की आर्थिक सेहत का महत्वपूर्ण संकेतक है. यह देश में एक निर्धारित अवधि के दौरान उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य दर्शाता है.
GDP के दो प्रकार होते हैं:
रियल GDP: इसमें मूल्य गणना स्थिर (बेस) वर्ष की कीमतों पर होती है. भारत के लिए वर्तमान बेस ईयर 2011-12 है.
नॉमिनल GDP: यह गणना मौजूदा बाजार कीमतों पर होती है.
GDP कैलकुलेशन का फॉर्मूला है:
GDP = C G I NX
जहां:
C = प्राइवेट कंजम्प्शन
G = सरकारी खर्च
I = निवेश
NX = शुद्ध निर्यात (एक्सपोर्ट - इम्पोर्ट)
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