भारत के बाद कई इंटरनेशनल एयरलाइंस ने पाकिस्तानी एयरस्पेस से बनाई दूरी, बदले अपने फ्लाइट के रूट

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस कंपनियों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से उड़ानें संचालित करने से अस्थायी रूप से परहेज करना शुरू कर दिया है.

    many international airlines distanced themselves from Pakistani airspace
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी कूटनीतिक और सुरक्षा संबंधी तनाव का असर अब वैश्विक हवाई सेवाओं पर भी दिखाई देने लगा है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस कंपनियों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से उड़ानें संचालित करने से अस्थायी रूप से परहेज करना शुरू कर दिया है.

    कई एयरलाइंस ने मार्ग में किया बदलाव

    फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा और एयरलाइंस के आधिकारिक बयानों के अनुसार, जिन कंपनियों ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने का निर्णय लिया है उनमें शामिल हैं:

    • लुफ्थांसा (Lufthansa)
    • ब्रिटिश एयरवेज (British Airways)
    • एयर फ्रांस (Air France)
    • स्विस इंटरनेशनल एयरलाइंस (Swiss International Airlines)
    • एमिरेट्स (Emirates)
    • ITA एयरवेज (इटली)
    • LOT पोलिश एयरलाइंस

    इन एयरलाइनों ने सुरक्षा कारणों और क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए रूट में बदलाव किया है. इससे कुछ उड़ानों की अवधि में वृद्धि और ईंधन लागत में इजाफा हुआ है.

    पारस्परिक प्रतिबंध और उसका असर

    भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय स्वामित्व वाली या संचालित उड़ानों को अपने एयरस्पेस से गुजरने से रोक दिया है.

    इस कदम का सीधा असर भारतीय एयरलाइंस पर पड़ा है, जिन्हें अब वैकल्पिक मार्गों से होकर उड़ान भरनी पड़ रही है, जिससे उड़ानों की दूरी और लागत दोनों में वृद्धि हो रही है.

    एयरलाइंस की प्रतिक्रियाएं और रणनीतियां

    • लुफ्थांसा ग्रुप ने रॉयटर्स को बताया कि उसने सुरक्षा की दृष्टि से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से परहेज करने का निर्णय लिया है और स्थिति की निरंतर निगरानी कर रहा है.
    • एयर फ्रांस ने भी बताया कि वह दिल्ली, बैंकॉक और हो ची मिन्ह सिटी की उड़ानों के लिए वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग कर रही है.
    • ब्रिटिश एयरवेज और एमिरेट्स ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके उड़ान मार्गों में बदलाव देखने को मिला है.

    फ्लाइटराडार-24 के अनुसार, इन बदलावों के कारण उड़ानों की अवधि में औसतन 30 मिनट से 1 घंटे तक की वृद्धि हो रही है.

    पाकिस्तान के लिए संभावित आर्थिक प्रभाव

    पाकिस्तानी एयरस्पेस से गुजरने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से देश को ओवरफ्लाइट शुल्क के रूप में अच्छी-खासी आय होती है. ये शुल्क विमान के वजन और हवाई क्षेत्र में तय की गई दूरी के आधार पर लिए जाते हैं और प्रति उड़ान सैकड़ों डॉलर तक हो सकते हैं.

    अंतरराष्ट्रीय उड़ानों द्वारा पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से परहेज करने से इन राजस्व स्रोतों पर असर पड़ सकता है. ऐसे समय में जब पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार $10.2 बिलियन पर हैं — जो लगभग दो महीने के आयात को ही कवर कर सकते हैं — यह आय में गिरावट देश की अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है.

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