"अब खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे", लालकिले की प्राचीर से पाकिस्तान को PM Modi का दो टूक संदेश

    Independence Day 2025: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, लालकिले की प्राचीर से दिए गए संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वर इस बार कुछ ज्यादा ही सख्त और स्पष्ट था. अपने भाषण की शुरुआत में जहां उन्होंने विकास, नवाचार और जनभागीदारी की बातें कीं, वहीं सातवें मिनट के बाद उन्होंने सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और पाकिस्तान पर तीखा संदेश दिया.

    Independence Day 2025 PM Modi clear message to Pakistan from the ramparts of the Red Fort
    Image Source: ANI

    Independence Day 2025: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, लालकिले की प्राचीर से दिए गए संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वर इस बार कुछ ज्यादा ही सख्त और स्पष्ट था. अपने भाषण की शुरुआत में जहां उन्होंने विकास, नवाचार और जनभागीदारी की बातें कीं, वहीं सातवें मिनट के बाद उन्होंने सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और पाकिस्तान पर तीखा संदेश दिया.

    प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उस भयावह त्रासदी की याद दिलाई, जिसमें निर्दोष नागरिकों को सिर्फ उनके धर्म के आधार पर मौत के घाट उतारा गया. इस बर्बर हमले के जवाब में भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" को अंजाम दिया, एक ऐसा सैन्य अभियान जिसने दुश्मन को उनके ही घर में घुसकर सजा दी.

    प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि अब भारत केवल हमले का शिकार नहीं बनेगा, बल्कि जवाब भी उसी भाषा में देगा जो दुश्मन समझता है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, उस जनआक्रोश की सैन्य अभिव्यक्ति है जिसे देश ने इस आतंकी कृत्य के बाद महसूस किया.

    आतंक और आतंकी अब एक ही तराजू पर

    पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भारत अब आतंक और उसे समर्थन देने वालों में कोई अंतर नहीं करता. "जो आतंकियों को पालते हैं, वो भी मानवता के उतने ही दुश्मन हैं जितने बंदूक उठाने वाले," उन्होंने कहा. उन्होंने यह भी कहा कि अब परमाणु हमले की धमकियों का दौर खत्म हो गया है, यदि कोई ऐसा प्रयास करेगा तो जवाब सेना की शर्तों पर मिलेगा.

    सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार

    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में एक और बड़ा संकेत दिया, सिंधु जल संधि पर भारत की रणनीति में बदलाव का. उन्होंने कहा कि दशकों से भारत की नदियों का पानी पाकिस्तान के खेतों को सींचता रहा, जबकि भारत के अपने किसान पानी की बूंद-बूंद को तरसते रहे. अब भारत यह अन्यायपूर्ण व्यवस्था नहीं सहेगा.

    उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा

    पीएम मोदी ने कहा, "हिंदुस्तान के हक का पानी सिर्फ हिंदुस्तान का होगा. किसान हित में और राष्ट्रहित में यह समझौता अब हमें मंज़ूर नहीं है." यह भाषण सिर्फ एक राजनीतिक घोषणा नहीं था, बल्कि भारत की नई सुरक्षा नीति और जल नीति की झलक भी थी, एक ऐसा दृष्टिकोण जो ‘दृढ़ भारत’ की तस्वीर पेश करता है.

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