'हिरोशिमा-नागासाकी जैसा था हमारा हमला', ट्रंप ने बिना नाम लिए क्यों किया न्यूक्लियर अटैक का जिक्र?

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की तुलना सीधे हिरोशिमा और नागासाकी से कर दी, जिससे नया विवाद खड़ा हो गया है.

    Hiroshima Nagasaki why Trump mention nuclear attack
    डोनाल्ड ट्रंप | Photo: ANI

    पश्चिम एशिया में एक बार फिर जंग की आग भड़की, लेकिन इस बार मामला और भी गंभीर हो गया था. इजराइल और ईरान के बीच शुरू हुई 12 दिन की जंग ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी थी. इस बीच अमेरिका ने भी हस्तक्षेप किया और ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की तुलना सीधे हिरोशिमा और नागासाकी से कर दी, जिससे नया विवाद खड़ा हो गया है.

    हेग में नाटो समिट के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा, "मैं हिरोशिमा और नागासाकी का उदाहरण देना नहीं चाहता, लेकिन ईरान पर जो हमला हुआ, वह वैसा ही था. इसी तरह का हमला हुआ था और इसके बाद ही युद्ध समाप्त हुआ." ट्रंप का यह बयान तब आया जब 24 जून को ईरान और इजराइल ने आधिकारिक रूप से युद्धविराम की घोषणा कर दी.

    अमेरिकी हमला और ईरान की प्रतिक्रिया

    अमेरिका ने इस जंग में सीधे हस्तक्षेप करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – नतांज, इस्फहान और फोर्डो – को निशाना बनाया. ट्रंप के अनुसार, इन हमलों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह पटरी से उतर गया और भारी नुकसान हुआ. हालांकि, इसके जवाब में ईरान ने भी पलटवार किया और कतर व इराक स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइल हमले किए.

    ईरानी हमले में कतर के अड्डे पर कम से कम 10 मिसाइलें दागी गईं जबकि इराक में भी अमेरिकी बेस पर हमला हुआ. बावजूद इसके, ट्रंप का दावा है कि इन जवाबी हमलों में अमेरिका को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.

    जानमाल का भारी नुकसान

    12 दिनों तक चले इस युद्ध में दोनों पक्षों को भारी क्षति उठानी पड़ी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान में करीब 800 लोगों की मौत हुई, जबकि इजराइल की ओर से 24 से 30 लोगों की जान गई. इजराइली सेना ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, वहीं ईरान ने तेल अवीव और हाइफा जैसे प्रमुख शहरों पर मिसाइल हमले किए.

    युद्धविराम और ट्रंप की भूमिका

    24 जून को युद्धविराम की घोषणा हुई, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कूटनीतिक जीत बताया. ट्रंप ने दावा किया कि उनके प्रयासों से दोनों देशों के बीच संघर्ष खत्म हुआ और एक नया अध्याय शुरू हुआ है. हालांकि, जानकार मानते हैं कि इस युद्धविराम के बावजूद पश्चिम एशिया की स्थिरता पर अभी भी गंभीर सवाल बने हुए हैं.

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