गुजरात बना सौर ऊर्जा का सिरमौर, पीएम सूर्य घर योजना में सबसे अधिक 34% योगदान

    मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल के मार्गदर्शन में, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु निर्धारित 3.05 लाख सोलर रूफटॉप पैनल्स के इन्स्टॉलेशन्स का लक्ष्य समय से पहले पूरा कर लिया है.

    Gujarat becomes leader in solar energy
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Bharat 24

    गांधीनगर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, गुजरात ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नीतिगत दृढ़ता, प्रशासनिक कुशलता और जनसहभागिता का समन्वय किसी भी योजना को राष्ट्रीय सफलता में बदल सकता है. मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल के मार्गदर्शन में, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु निर्धारित 3.05 लाख सोलर रूफटॉप पैनल्स के इन्स्टॉलेशन्स का लक्ष्य समय से पहले पूरा कर लिया है. 

    • 11 मई 2025 तक गुजरात में 3.36 लाख सोलर रूफटॉप पैनल्स स्थापित हुए
    • गुजरात के 3.03 लाख उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार की ओर से मिली ₹2362 करोड़ की सब्सिडी
    • गुजरात में स्थापित 3.36 लाख सोलर रूफटॉप पैनल्स से 1232 मेगावाट ऊर्जा का सृजन 
    • इस ऊर्जा उत्पादन से 1284 मीट्रिक टन कोयले की हुई बचत और 1504 मीट्रिक टन CO₂ उत्सर्जन में आई कमी.

    सोलर पैनल्स इन्स्टॉलेशन में सबसे आगे गुजरात

    राज्य सरकार की संस्था गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार 11 मई 2025 तक गुजरात में पीएम सूर्य घर योजना के तहत 3.36 लाख सोलर रूफटॉप पैनल्स स्थापित किए गए हैं, जो पूरे देश में सबसे अधिक है. इस योजना के बेहतरीन कार्यान्वयन के कारण आज गुजरात सोलर रूफटॉप इन्स्टॉलेशन्स में देश में अकेले 34% का योगदान दे रहा है. यह उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत गुजरात के 3.03 लाख उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार की ओर से ₹2362 करोड़ की सब्सिडी दी गई है. 

    इस योजना की सफलता में देश के शीर्ष पाँच राज्यों की बात करें तो पहले नंबर पर गुजरात के बाद, महाराष्ट्र 1.89 लाख सोलर रूफटॉप पैनल इंस्टॉलेशंस के साथ दूसरे स्थान पर है, उत्तर प्रदेश 1.22 लाख इंस्टॉलेशंस के साथ तीसरे स्थान पर, केरल 95 हजार इंस्टॉलेशंस के साथ चौथे स्थान पर और राजस्थान 43 हजार इंस्टॉलेशंस के साथ पांचवे स्थान पर है.

    1284 मीट्रिक टन कोयले की हुई बचत

    GUVNL के आँकड़ों के अनुसार गुजरात में ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत स्थापित 3.36 लाख सोलर रूफटॉप सिस्टम से 1232 मेगावाट से अधिक ऊर्जा सृजित हुई है जो परंपरागत बिजली उत्पादन के 1834 मिलियन यूनिट के बराबर है. यदि इतनी ही ऊर्जा कोयला आधारित संयंत्रों से उत्पन्न की जाती, तो लगभग 1284 मीट्रिक टन कोयले की खपत होती. इस बचत के चलते वातावरण में 1504 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन से भी बचाव हुआ है.

    क्या है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजाना?

    पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई थी. योजना के तहत नागरिकों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के साथ-साथ 3 किलोवाट तक की प्रणाली पर ₹78 हजार तक की सब्सिडी दी जाती है. इस योजना के लिए कोई भी छत वाला घर मालिक पात्र है. आवेदन की प्रक्रिया सरल और पूरी तरह ऑनलाइन है, https://pmsuryaghar.gov.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है.

    प्रशासनिक सक्रियता और जनसहभागिता का सहयोग

    गुजरात में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की अभूतपूर्व सफलता के पीछे न केवल प्रशासन की दूरदर्शी कार्यप्रणाली की अहम भूमिका रही है, बल्कि यहाँ की जागरूक जनता और स्थानीय निकायों की सक्रिय भागीदारी ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. राज्य सरकार ने गांव-गांव और शहर-शहर व्यापक जनजागरण अभियान चलाकर नागरिकों को योजना के लाभों से अवगत कराया और आवेदन प्रक्रिया को सरल व सुलभ बनाया. यही समन्वित और समर्पित प्रयास आज गुजरात को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में देश के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित कर रहे हैं.