दक्षिण-पश्चिमी चीन के गुइझोउ प्रांत में इन दिनों हालात बेहद डरावने हो गए हैं. ऐसा लग रहा है मानो धरती ने समंदर की शक्ल ले ली हो. कई इलाकों में पानी इतना भर चुका है कि घर, सड़कें, मॉल और बाजार सब पानी में समा चुके हैं. जिन रास्तों से कभी लोग गुजरते थे, आज वहां नावें चल रही हैं. हर ओर सिर्फ बाढ़ का सैलाब है और लोग डर व असहायता के बीच दिन काट रहे हैं.
इस बार की बाढ़ ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. डूलियू नदी और उससे जुड़ी कई नदियों ने अपना रुख बदल दिया है, और किनारे तोड़ते हुए पूरे रोंगजियांग, लिपिंग और आसपास के शहरों को डुबो दिया है. पानी का बहाव इतना तेज़ है कि कई जगहों पर तटबंध टूट गए और सड़कों ने झीलों का रूप ले लिया.
स्थानीय लोग इसे पिछले 50 सालों की सबसे भयावह त्रासदी बता रहे हैं. एक हफ्ते के भीतर यह दूसरी बार है जब इस इलाके में भारी बारिश और बाढ़ ने हमला बोला है, लेकिन इस बार तबाही अपने चरम पर है.
लोगों की ज़िंदगी पलट गई
बाढ़ ने सिर्फ घर और गाड़ियां नहीं बहाईं, बल्कि लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी भी तहस-नहस कर दी है. मॉल की सीढ़ियां अब झरनों की तरह बह रही हैं, और अंडरग्राउंड पार्किंग में खड़ी कारें एक के बाद एक बहती जा रही हैं. कई जगहों पर तो 10 से 15 फीट तक पानी भर चुका है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 30,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है, जिसमें दमकलकर्मी, सुरक्षाकर्मी और मेडिकल टीमें चौबीसों घंटे जुटी हुई हैं. सरकार ने गुइझोउ क्षेत्र में इमरजेंसी का लेवल-I अलर्ट जारी किया है – जो कि किसी भी प्राकृतिक आपदा की सबसे गंभीर चेतावनी मानी जाती है.
कुदरत का बदला मिजाज़ – जलवायु परिवर्तन की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सब जलवायु परिवर्तन का ही नतीजा है. पहले जहां गुइझोउ में मध्यम स्तर की बारिश होती थी, अब वहीं मूसलधार बारिश आम हो गई है. तापमान में वृद्धि, अत्यधिक वाष्पीकरण और बदलते मॉनसून पैटर्न ने इलाके की जलवायु को अस्थिर कर दिया है.
बारिश की तीव्रता इतनी अधिक हो गई है कि मिट्टी की पकड़ भी कमजोर पड़ चुकी है, जिससे लैंडस्लाइड और जलभराव की समस्या और बढ़ गई है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिन और भारी साबित हो सकते हैं – और तेज बारिश के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं.
सरकार की अपील – सतर्क रहें, ऊंचाई पर जाएं
प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि वे ऊंचे इलाकों की ओर जाएं और किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहें. स्थानीय स्कूल, ऑफिस, बाजार सभी बंद हैं और राहत शिविरों में भीड़ बढ़ती जा रही है.
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