हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर NO GST! सरकार की ओर से मिल सकती है बड़ी राहत

    आम जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है. जीएसटी व्यवस्था में सुधार को लेकर केंद्र सरकार अहम बदलावों की तैयारी में जुट गई है. खासतौर पर हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की पूरी छूट दिए जाने की सिफारिश की गई है.

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    आम जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है. जीएसटी व्यवस्था में सुधार को लेकर केंद्र सरकार अहम बदलावों की तैयारी में जुट गई है. खासतौर पर हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की पूरी छूट दिए जाने की सिफारिश की गई है. अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो लोगों को बीमा लेने में भारी राहत मिल सकती है.

    GST 2.0 एक प्रस्तावित सुधार है जिसका उद्देश्य देश की टैक्स व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और जनहितैषी बनाना है. सरकार का प्लान है कि मौजूदा जटिल टैक्स स्लैब्स को घटाकर सिर्फ दो दरों 5% और 18% पर लाया जाए. हालांकि, कुछ विशेष उत्पाद जैसे सिगरेट और लग्जरी कारों पर पहले की तरह ऊंची दर (40%) लागू रहेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने इस सुधार को आम जनता के लिए एक बड़ी सौगात बताया है. प्रधानमंत्री ने इसे अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में “दिवाली का तोहफा” करार दिया.

    बीमा प्रीमियम पर क्या हो सकता है बदलाव?

    वर्तमान में, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता है. लेकिन जीएसटी परिषद के एक विशेष मंत्री समूह ने प्रस्ताव दिया है कि इन बीमा सेवाओं को पूरी तरह से टैक्स फ्री कर दिया जाए. अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो बीमा पॉलिसी खरीदना आम आदमी के लिए कहीं सस्ता और सुलभ हो जाएगा. इससे लोगों में बीमा को लेकर जागरूकता और भागीदारी भी बढ़ेगी.

    क्यों हो रही है इस पर चर्चा?

    यह प्रस्ताव बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में रखा गया था, जहां मंत्री समूह के अधिकतर सदस्य इस छूट के पक्ष में नजर आए. हालांकि, कुछ राज्यों ने चिंता जताई कि टैक्स छूट का फायदा ग्राहकों तक पहुंचेगा या नहीं. बीमा कंपनियों को इस स्थिति में इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा, जिससे उनका लागत ढांचा प्रभावित हो सकता है. इस पर भी मंत्री समूह विचार कर रहा है ताकि ऐसा कोई व्यवस्थित समाधान निकाला जाए जिससे लाभ प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ताओं तक पहुंचे.

    आगे की प्रक्रिया क्या है?

    अब मंत्री समूह सितंबर 2025 में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में अपनी सिफारिशें सौंपेगा. परिषद में केंद्र और सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे, जो अंतिम निर्णय लेंगे कि कौन-कौन सी दरें बदली जाएंगी और किन सेवाओं पर टैक्स छूट मिलेगी.

    GST 2.0 से क्या होंगे फायदे?

    • टैक्स प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी
    • उपभोक्ताओं को सस्ती बीमा सेवाएं मिल सकेंगी
    • छोटे व्यापारियों, किसानों और मिडिल क्लास को मिलेगा सीधा फायदा
    • घरेलू उत्पादन और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगा बढ़ावा
    • टैक्स कलेक्शन और प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार

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