GRSE ने पनडुब्बी रोधी युद्धपोत 'अजय' का किया जलावतरण, भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

    गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित, एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) का आठवाँ और अंतिम जहाज, यार्ड 3034 (अजय), 21 जुलाई 2025 को जीआरएसई, कोलकाता में चीफ ऑफ मैटेरियल (सीओएम) वाइस एडमिरल किरण देशमुख की उपस्थिति में लॉन्च किया गया.

    GRSE launched anti-submarine warship Ajay
    अजय

    गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित, एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) का आठवाँ और अंतिम जहाज, यार्ड 3034 (अजय), 21 जुलाई 2025 को जीआरएसई, कोलकाता में चीफ ऑफ मैटेरियल (सीओएम) वाइस एडमिरल किरण देशमुख की उपस्थिति में लॉन्च किया गया. नौसेना की परंपरा को निभाते हुए, श्रीमती प्रिया देशमुख ने जहाज का शुभारंभ किया. इस अवसर पर भारतीय नौसेना और जीआरएसई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

    अर्नाला श्रेणी का पहला जहाज 18 जून 2025 को कमीशन किया गया था और दूसरे जहाज की डिलीवरी अगस्त 2025 में करने की योजना है. यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की पानी के नीचे की डोमेन जागरूकता, पनडुब्बी रोधी युद्ध और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमताओं को बढ़ाएगा. 

    डीज़ल इंजन से चलता है यह जहाज़

    यह जहाज़ भूमिका-निर्धारक सेंसरों से सुसज्जित है, जैसे कि हल माउंटेड सोनार और लो फ़्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सोनार (एलएफवीडीएस), और अत्याधुनिक टॉरपीडो, एंटी-सबमरीन रॉकेट, एनएसजी-30 गन और 12.7 मिमी एसआरसीजी द्वारा प्रदान की गई मारक क्षमता. यह जहाज़ डीज़ल इंजन से चलता है और वाटरजेट से संचालित होता है.

    जहाज निर्माण, हथियारों, सेंसरों और उन्नत संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों में आत्मनिर्भरता की भारतीय नौसेना की निरंतर खोज में अजय का प्रक्षेपण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ, यह जहाज भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल का प्रतीक है और हिंद महासागर क्षेत्र में हमारे राष्ट्रीय समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण क्षमताएँ प्रदान करेगा.