Gopalganj News: बिहार के गोपालगंज से आई एक उम्मीद भरी खबर सामने आई है, जहां जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक नाबालिग बच्चे को जेल भेजने की बजाय सुधार का अनोखा मौका दिया है. यह बच्चा शराब तस्करी के मामले में फंसा था, लेकिन कोर्ट ने उसे सजा के तौर पर थावे मंदिर में एक सप्ताह तक सफाई करने का आदेश दिया है. यह कदम बच्चों को आपराधिक मानसिकता से बचाने और उन्हें सही रास्ते पर लौटाने के उद्देश्य से उठाया गया है.
मजिस्ट्रेट ने दिखाई सहानुभूति
प्रमुख न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि किशोरों को कठोर दंड देने के बजाय सुधार का मौका देना ज्यादा जरूरी है ताकि वे अपराध की दुनिया में फंसें नहीं. इस नाबालिग ने शराब तस्करी में अपनी गलती स्वीकार की और बताया कि तस्करों ने उसे पैसे का लालच देकर इस कार्य में शामिल किया था. इस कारण उसे सुधार का मौका दिया गया ताकि वह अपनी गलतियों से सीख लेकर एक बेहतर इंसान बन सके.
मामला और सुनवाई की प्रक्रिया
पिछले साल उत्तर प्रदेश से पकड़े गए इस नाबालिग के साथ एक वयस्क तस्कर भी था, जिसे जेल भेज दिया गया. चूंकि आरोपी नाबालिग था, इसलिए मामला किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया. पुलिस और पक्षकारों की दलीलों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाया कि नाबालिग को जेल के बजाय सुधारात्मक सजा दी जाए. इस फैसले के बाद नाबालिग ने भी अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में कोई गलत कदम न उठाने की शपथ ली.
थावे मंदिर में सफाई का काम
मंडल के थावे मंदिर के पुजारी संजय पांडे ने बताया कि बोर्ड की ओर से आदेश मिलने के बाद नाबालिग से मंदिर की सफाई करवाई जाएगी. यह कार्य न केवल उसे धार्मिक और नैतिक शिक्षा देगा, बल्कि आत्म-चिंतन का अवसर भी प्रदान करेगा. किशोर का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, इसलिए उसे यह मौका दिया गया है कि वह सही मार्ग पर चल सके.
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