कोलकाता: IIM कलकत्ता और साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज से हाल ही में सामने आई दो यौन उत्पीड़न की घटनाओं ने शिक्षा जगत और समाज में गहरी चिंता पैदा की है. दोनों मामलों में पीड़ितों की शिकायत पर आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और पुलिस मामलों की जांच में जुटी है.
IIM कलकत्ता में यौन शोषण का आरोपी गिरफ्तार
शनिवार को IIM कलकत्ता के बॉयज हॉस्टल में एक महिला छात्रा के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस सिलसिले में एक छात्र को गिरफ्तार किया है.
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता और आरोपी के बीच सोशल मीडिया के जरिए जान-पहचान हुई थी. पीड़िता किसी निजी मुद्दे पर सलाह लेने के लिए आरोपी से मिलने IIM पहुंची थी. आरोपी उसे काउंसलिंग सेशन के बहाने हॉस्टल ले गया, जहां पीड़िता के अनुसार, उसे नशीला पेय पदार्थ पिलाया गया जिससे वह बेहोश हो गई. होश में आने के बाद उसे अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का अहसास हुआ.
FIR में यह भी उल्लेख है कि आरोपी ने घटना के बारे में किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. पुलिस ने शुक्रवार रात आरोपी को हिरासत में लिया था, और शनिवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.
लॉ कॉलेज: गैंगरेप के आरोप में तीन गिरफ्तार
25 जून को साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने गैंगरेप का आरोप लगाया था. इस मामले में कॉलेज के पूर्व छात्र मनोजीत मिश्रा और दो वर्तमान छात्रों, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को पुलिस ने 26 जून को गिरफ्तार किया.
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह घटना पूर्व नियोजित थी. कॉल डिटेल्स से पता चला कि घटना से पहले तीनों आरोपियों के बीच लगातार बातचीत होती रही थी. CCTV फुटेज में छात्रा को कॉलेज के गार्ड रूम की ओर ले जाते हुए देखा गया है, जिससे शिकायत में किए गए आरोपों की पुष्टि होती है.
मेडिकल रिपोर्ट में छात्रा के साथ बलात्कार और शारीरिक प्रताड़ना की पुष्टि हुई है. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता के शरीर पर चोट के निशान, खरोंच और काटने के संकेत मिले हैं.
घटना के बाद आरोपी कॉलेज परिसर में ही रुके, शराब पी और एक ढाबे पर खाना खाने गए. एक आरोपी ने अगली सुबह एक प्रभावशाली व्यक्ति से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा.
समाज में बढ़ती चिंता
इन दोनों मामलों ने शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा और छात्रों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं. IIM और लॉ कॉलेज जैसे संस्थानों में इस प्रकार की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था की चिंता बढ़ाती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि छात्रों के बीच संवाद, सतर्कता और जवाबदेही पर अधिक काम करने की आवश्यकता है.
पुलिस का कहना है कि दोनों मामलों की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और फॉरेंसिक व डिजिटल साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं ताकि आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा दिलाई जा सके.
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