गाजा के ऊपर नीले आसमान में उड़ता हुआ यह विशालकाय विमान एक युद्ध का नहीं, बल्कि मानवता का संदेश दे रहा है. यह विमान कोई बम नहीं, बल्कि जीवन देने वाली राहत सामग्री लेकर आ रहा है.
जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के संयुक्त प्रयास से भूख से जूझ रहे गाजा के नागरिकों के लिए अनाज और आवश्यक सामान भेजा जा रहा है.
जॉर्डन और UAE की तरफ से मानवीय मदद
गाजा की तबाही और संघर्षों के बीच, जॉर्डन और यूएई ने 25 टन खाद्य सामग्री और अन्य जरूरी चीजें गाजा में एयरड्रॉप करने के लिए मिलकर एक बड़ा ऑपरेशन चलाया. इस मिशन में जॉर्डन के दो C-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और UAE का एक विशेष विमान शामिल था, जो गाजा के विभिन्न इलाकों में राहत सामग्री गिराने में जुटे हुए थे. इस ऑपरेशन के बाद जॉर्डन के एयरड्रॉप्स की संख्या 127 तक पहुंच गई है, जो युद्ध प्रभावित इलाके में मानवीय सहायता पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कदम है.
एयरड्रॉप ऑपरेशन: कैसे काम करता है यह तरीका?
यह ऑपरेशन जितना प्रभावी है, उतना ही दिल को छूने वाला भी. विमान के पिछले हिस्से से कंटेनरों में लदी राहत सामग्री जैसे राशन, दवाइयां, और अन्य प्राथमिक आवश्यक चीजें गिराई गईं. इन पैकेट्स को पैराशूट्स से गिराया गया, ताकि यह धीरे-धीरे ज़मीन पर पहुंचें और किसी को नुकसान न हो. जैसे ही ये कंटेनर जमीन पर पहुंचे, वहां के लोग, जो ज्यादातर भूखे, बेघर और अन्य संकटों से जूझ रहे होते हैं, उन्हें इकट्ठा करने के लिए दौड़ पड़ते हैं. कई बार राहत कार्य में लगे एनजीओ और कार्यकर्ता भी इन चीजों को व्यवस्थित तरीके से लोगों में वितरित करते हैं.
कहां से आती है यह मदद?
इस प्रकार की सहायता आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों या देशों द्वारा भेजी जाती है, जिनका उद्देश्य संघर्ष क्षेत्र में फंसे हुए नागरिकों की सहायता करना होता है. अब तक ऐसी राहत सामग्री अमेरिका, यूरोपीय देशों और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं से भेजी जाती रही है. हालांकि, इस बार जॉर्डन और यूएई ने गाजा में मदद भेजने का जिम्मा उठाया है, जो इस समय अपनी मानवीय प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहे हैं.
ऊंचाई से गिरती जीवनदायिनी मदद
यह राहत सामग्री C-130 हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट द्वारा 5,000 से 10,000 फीट की ऊंचाई से गिराई जाती है, ताकि यह दुश्मन की फायरिंग रेंज से बाहर रहते हुए गाजा के लोगों तक पहुंच सके. इस ऊंचाई से गिरने पर यह पैकेट सुरक्षित रूप से ज़मीन तक पहुंचते हैं और इनका उपयोग वहां के नागरिकों के लिए भोजन और राहत का एक अहम जरिया बनता है.
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