About Pink And Red Money: जब भी मनी लॉन्ड्रिंग या काले धन की बात होती है, तो सबसे पहले दिमाग में "ब्लैक मनी" शब्द आता है, जिसे हम नोटबंदी के समय हर न्यूज चैनल और चर्चा में सुनते रहे हैं. लेकिन क्या आपने कभी रेड मनी और पिंक मनी के बारे में सुना है? अगर नहीं सुना, तो चलिए आपको बताते हैं तीन अलग-अलग रंगों में बंटे इस ‘गैर-कानूनी पैसे’ की कहानी.
ब्लैक मनी क्या है?
ब्लैक मनी (Black Money) यानी काला धन, वो पैसा होता है जो या तो अवैध कामों से कमाया गया हो या फिर वैध तरीके से कमाने के बावजूद टैक्स चोरी करके छिपा लिया गया हो. ये पैसा आम तौर पर नकद में होता है, ताकि ट्रैक करना मुश्किल हो जाए. इसके स्रोत हो सकते हैं:
भारत सरकार ने इस पर लगाम कसने के लिए नोटबंदी, जीएसटी, पैन कार्ड लिंकिंग और कई मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू किए हैं.
रेड मनी क्या है?
रेड मनी (Red Money) ब्लैक मनी का ही एक खतरनाक रूप है, लेकिन इसका संबंध गंभीर अपराधों से होता है. जैसे:
इसका नाम "रेड" इसलिए पड़ा क्योंकि यह सिर्फ अवैध नहीं बल्कि सीधा समाज और देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. रेड मनी का नेटवर्क आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला होता है और इससे निपटना सिर्फ आर्थिक नहीं, रणनीतिक चुनौती भी है.
पिंक मनी क्या है?
पिंक मनी (Pink Money) को समझने के लिए थोड़ा ध्यान देना होगा. यह वह पैसा होता है जो दिखने में 'बिजनेस' या 'सर्विस' जैसा लगता है, लेकिन असल में इसका सोर्स होता है:
पिंक मनी आम तौर पर शहरी अवैध बाजारों, अंडरग्राउंड क्लब, और ड्रग नेटवर्क में चलता है. यह न केवल कानून का उल्लंघन करता है, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी गिरावट लाता है.
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