गाजा संघर्ष पर सुलह की उम्मीद, हमास ने दिखाया नरम रुख; क्या हथियार डालेंगे लड़ाके?

    अब तक इजराइल की सबसे बड़ी मांग रही है कि हमास खुद को पूरी तरह से निहत्था करे. इस मुद्दे पर पहले कोई सहमति नहीं बन पाई थी, लेकिन ताज़ा संकेतों के मुताबिक हमास इस दिशा में नरमी दिखा सकता है.

    Gaza conflict Hamas shows soft stance
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: X

    गाजा में लंबे समय से जारी हिंसक टकराव के बीच अब एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है. खबरें हैं कि हमास अब कुछ ऐसे प्रस्तावों पर विचार कर रहा है, जिनसे संघर्षविराम की दिशा में ठोस पहल हो सकती है. सऊदी अरब के प्रमुख मीडिया नेटवर्क ‘अशरक न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, हमास स्थायी संघर्षविराम के बदले इजराइल की कुछ अहम शर्तें मानने पर सहमत हो सकता है. यह बदलाव इजराइल के लिए राहत की बात है, क्योंकि अब तक दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दे बेहद संवेदनशील बने हुए थे.

    हथियार छोड़ने पर बातचीत शुरू

    अब तक इजराइल की सबसे बड़ी मांग रही है कि हमास खुद को पूरी तरह से निहत्था करे. इस मुद्दे पर पहले कोई सहमति नहीं बन पाई थी, लेकिन ताज़ा संकेतों के मुताबिक हमास इस दिशा में नरमी दिखा सकता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि हमास मिस्र और कतर जैसे देशों के जरिए कुछ अहम प्रस्तावों पर मंथन कर रहा है.

    बताया जा रहा है कि हमास गाजा में हथियारों की तस्करी पर रोक लगाने, हथियार बनाने वाली यूनिट्स बंद करने और हथियारों को किसी तीसरे पक्ष को सौंपने जैसे विकल्पों पर गंभीरता से सोच रहा है. इसके अलावा, कुछ वरिष्ठ नेताओं को गाजा से निर्वासित करने का प्रस्ताव भी शामिल है ताकि इजराइल की मांगों को आंशिक रूप से संतुष्ट किया जा सके.

    अमेरिका के हस्तक्षेप से बनी नई राह

    संघर्षविराम की दिशा में अमेरिका की भूमिका भी निर्णायक होती दिख रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक तौर पर हमास से 60 दिनों के युद्धविराम की अपील की है. बताया जा रहा है कि हमास को यह प्रस्ताव विशेष रूप से इस वजह से स्वीकार्य लग रहा है क्योंकि अमेरिका ने भरोसा दिलाया है कि इस अवधि में स्थायी समाधान की बातचीत भी जारी रखी जाएगी. फिलहाल सभी की निगाहें हमास की ओर हैं, जिसने कहा है कि वह इस प्रस्ताव पर अपने आंतरिक स्तर पर चर्चा कर रहा है और जल्द ही आधिकारिक प्रतिक्रिया देगा.

    गाजा की सत्ता छोड़ने को नहीं है तैयार

    हालांकि, पूरी तस्वीर इतनी सरल नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, हमास अभी भी गाजा पर अपनी प्रशासनिक पकड़ छोड़ने को तैयार नहीं है. इजराइल का स्पष्ट रुख है कि संघर्षविराम के बाद हमास को गाजा की शासन-व्यवस्था में कोई स्थान नहीं मिलेगा. लेकिन हमास का तर्क है कि वह गाजा की स्थानीय परिस्थितियों और समाज की बारीकियों को बेहतर समझता है, इसलिए सुरक्षा और कानून-व्यवस्था में उसकी भागीदारी जरूरी है.

    ये भी पढ़ेंः त्रिनिदाद और टोबैगो में 'वी लव पीएम मोदी' की गूंज, जानिए विदेश में क्यों हो रही ‘बिहार की बेटी’ की चर्चा