नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना (IAF) ने शुक्रवार को एक युग का अंत कर दिया, जब अपने ऐतिहासिक और 62 साल पुराने फाइटर जेट मिग-21 को अंतिम विदाई दी गई. चंडीगढ़ में आयोजित एक भावनात्मक समारोह में वायुसेना ने अपनी दो अंतिम मिग-21 स्क्वाड्रनों नंबर 3 "कोबरा" और नंबर 23 "पैंथर्स" को सेवा से औपचारिक रूप से हटा दिया.
इस विदाई के साथ ही भारतीय वायुसेना की मौजूदा लड़ाकू क्षमता को एक और झटका लगा है, क्योंकि कुल 36 फाइटर जेट अब सेवा से बाहर हो गए हैं. पहले से ही फाइटर जेट की संख्या में कमी झेल रही भारतीय वायुसेना के सामने अब यह सवाल और बड़ा हो गया है कि क्या हम चीन और पाकिस्तान जैसे दोहरे मोर्चे से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार हैं?
IAF के पास अब केवल 29 स्क्वाड्रन
भारतीय वायुसेना को चीन और पाकिस्तान दोनों के संभावित खतरों से एकसाथ निपटने के लिए कम से कम 42 फाइटर स्क्वाड्रन की आवश्यकता मानी गई है, और इसी संख्या को रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति भी प्राप्त है. लेकिन अब मिग-21 स्क्वाड्रनों की विदाई के बाद यह संख्या घटकर सिर्फ 29 स्क्वाड्रन रह गई है.
ध्यान देने योग्य बात यह है कि एक स्क्वाड्रन में सामान्यतः 16 से 18 फाइटर जेट होते हैं. इस गणना के आधार पर भारतीय वायुसेना को अपनी आवश्यक ताकत को पूरा करने के लिए 200 से अधिक नए लड़ाकू विमानों की जरूरत है और वह भी तुरंत.
मिग-21: गौरवशाली इतिहास, पर विवादित विदाई
मिग-21 को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था, और उस समय यह दुनिया के सबसे आधुनिक सुपरसोनिक फाइटर जेट्स में से एक था. भारत ने इसके अलग-अलग संस्करणों के तहत 700 से अधिक विमान प्राप्त किए थे. इनमें से कई को समय-समय पर एवियॉनिक्स, मिसाइल सिस्टम और रडार से अपग्रेड भी किया गया.
क्रैश रिकॉर्ड और विवाद
हालांकि मिग-21 का इतिहास विवादों से भी अछूता नहीं रहा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 500 से ज्यादा मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं और इन हादसों में 170 से अधिक पायलटों की जान जा चुकी है. केवल 2010 के बाद से ही 20 से ज्यादा हादसे हुए हैं, जिससे इसे ‘उड़ता ताबूत’ कहा जाने लगा.
तीन युद्धों में अहम भूमिका
बावजूद इसके, मिग-21 ने भारत के लिए 1965, 1971 और 1999 (कारगिल युद्ध) के दौरान निर्णायक भूमिका निभाई. इसकी तेज़ गति, ऊंचाई पर लड़ने की क्षमता और डॉगफाइट में श्रेष्ठता ने इसे भारत के रक्षा इतिहास में विशेष स्थान दिया है.
चीन और पाकिस्तान की वायुसेना: भारत कहां खड़ा है?
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IAF का भविष्य: क्या है प्लान और प्रगति?
1. तेजस Mk1: स्वदेशी ताकत
अत्याधुनिक फीचर्स: AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, ASTRA मिसाइल
2. तेजस Mk2: और उन्नत संस्करण
3. AMCA: भारत का स्टील्थ फाइटर
4. विदेशी फाइटर जेट डील्स
5. Su-30MKI अपग्रेड
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